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Vegan Milk दूध से ऐसे अलग होता है, जानें इसके फायदे और नुकसान

नई दिल्ली: वैश्विक संस्था PETA India ने  प्रमुख डेयरी कंपनी अमूल को एक ऐसा सुझाव दिया जिससे विवाद खड़ा हो गया है. PETA की तरफ से अमूल (Amul) को सुझाव दिया गया कि उसे प्लांट बेस्ड डेयरी प्रोडक्ट पर स्विच कर जाना चाहिए. जिसके बाद से ये मुद्दा सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. इन दिनों दुनियाभर में वीगन डाइट का ट्रेंड है. भारत में भी कई सेलेब्स से लेकर आम लोग वीगन डाइट फॉलो करते हैं. आपको बता दें कि यह एक तरह की वेजिटेरियन डाइट ही नहीं है, बल्कि उससे भी एक कदम आगे है. वीगन डाइट में तमाम तरह के डेयरी प्रोडक्ट जैसे दूध, दही, घी, मावा, पनीर आदि का सेवन भी प्रतिबंधित रहता है. वीगन डाइट फॉलो करने वाले लोग वीगन मिल्‍क (Vegan Milk) का इस्तेमाल करते हैं.

Vegan Milk दूध से

कैसे बनता है वीगन दूध

वीगन दूध (Vegan Milk) पशुओं से प्राप्‍त होने वाले दूध से अलग होता है. यह  प्लांट बेस्ड मिल्क या वीगन मिल्‍क पौधे आधारित दूध होते हैं, जिसमें कम मात्रा में फैट पाया जाता है. जैसे सोया मिल्क (Soya Milk), कोकोनट मिल्क  (Coconut Milk), कैश्यू मिल्क  (Cashew Milk), बादाम का दूध  (Almond Milk), ओट्स मिल्क (Oats Milk) आदि.

वीगन दूध (Vegan Milk) के फायदे

वीगन डाइट और वीगन दूध को लेकर की गई कई स्टडीज में साबित हुआ है कि इससे कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है क्योंकि अधिकांश फैट हेल्दी सोर्स जैसे नारियल, फलियों आदि से हासिल होता है. आम डेयरी प्रोडक्ट से मिलने वाला ज्यादातर फैट बैड कोलेस्ट्रॉल उत्पन्न करता है. वीगन डाइट को फॉलो करने वाले लोग बैड कोलेस्ट्रॉल से बचे रहते हैं और इस तरह उनका दिल भी हेल्दी बना रहता है. इसके साथ ही टाइप-2 डायबिटीज और किडनी के मरीजों के लिए भी इस डाइट को बेहतर माना जाता है.

वीगन डाइट के नुकसान

वीगन डाइट के नुकसान के बारे में बात करें तो अगर इस डाइट को आपने सही से फॉलो नहीं किया तो इससे शरीर को पर्याप्त पोषण मिलने में दिक्कत हो सकती है. इससे शरीर को उतना कैल्शियम नहीं मिल पाता, जितना कि जरूरी होता है. चूंकि इस डाइट में डेयरी प्रोडक्ट का सेवन प्रतिबंधित होता है, ऐसे में शरीर को विटामिन बी 12 और विटामिन डी भी बहुत कम मिल पाता है. वीगन डाइट को फॉलो करने वालों में आयरन और ओमेगा 3 फैटी एसिड की भी कमी पाई जाती है. हालांकि  वीगन डाइट लेने वाले लोग प्रोटीन के लिए सोया, टोफू, सोया मिल्क, दालों, पीनट बटर, बादाम आदि पर निर्भर रहते हैं. इन्हें कैल्शियम हरी पत्तेदार सब्जियों और रागी के आटे इत्यादि से मिलता है.

Credit- News Nation

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