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Royal Family of Britain : ब्रिटेन का वो शाही परिवार जिसके मरने से पहले हर साल होती है उसके अंतिम संस्कार की रिहर्सल

The royal family of Britain, whose funeral is held every year before his death, is rehearsed

Royal Family of Britain : मानव जीवन में एक बात तय है अगर जन्म हुआ है तो मृत्यु निश्चित है कोई अमर नहीं है अगर कोई है जिसे मृत्यु भी नहीं आती तो वो खुद मृत्यु है हम जैसे साधारण लोगों की मौत जब होती है तो मरने के बाद अंतिम संस्कार की तैयारियां की जाती है लेकिन ब्रिटेन वह मुल्क जिसने दुनियाभर मे 50 से ज्यादा देशों पर राज किया। उस ब्रिटेन के शाही परिवार में किसी की मौत से पहले वहां उसके अंतिम संस्कार की प्रैक्टिस की जाती है। यह सब प्रोटोकॉल के तहत होता है । शाही लोगों का अंदाज और उनकी परम्परा की यह नुमाइश कोई नई नहीं है ।

बल्कि सदियों से यह परम्परा चली आ रही है । ब्रिटेन के शाही परिवार में हर साल एक अंतिम संस्कार की प्रैक्टिस पूरे विधिवत तरीके से होती है । इसके लिए परेड निकलती है कितने लोग अंतिम संस्कार में शामिल होंगे इसकी सूची तैयार होती है । अन्तिम संस्कार जहां होगा । उस रुट को प्रैक्टिस वाले दिन साफ किया जाता है । ताबूत में पुतला रखा जाता है मतलब साफ है कि शाही परिवार के ताकतवर शख्स के मरने के बाद किस तरह से उसका अंतिम संस्कार होगा ।

Royal Family of Britain
Royal Family of Britain

इसकी फुल रिहर्सल की जाती है । यहां तक कि महारानी के मरने पर कई देशों की मुद्रा करेंसी बदल जाने का अंदेशा है ब्रिटेन की महारानी इस समय एलिजाबेथ द्वितीय के पति की पहले ही मौत हो चुकी है । प्रिंस एलिजाबेथ के पति फिलिप प्रिंस की पिछले साल 99 साल की आयु में मौत हो गई थी । उनके अंतिम संस्कार को पूरी रीति रिवाज और शाही अंदाज में किया गया था । किसी प्रकार की चूक ने हो इसके लिए हर साल रिहर्सल कराया जाता है ।

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महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मौत के बाद ब्रिटेन का क्या होगा

यह वह सवाल है जो पूरी दुनिया के लिए एक खास है इसे जानने की उत्सुकता हर देश को होती है खासकर जहां ब्रिटेन की हुकूमत रही है । एक रिपोर्ट के अनुसार महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मौत के बाद लंदन में इतनी भीड़ होगी की संभालना मुश्किल हो जाएगा । इसलिए एलिजाबेथ की मौत से पहले उनके शाही निधन का कार्यक्रम पहले से तैयार कर लिया गया है उनके निधन के बाद जो तैयारियां होगी उसे ऑपरेशन लंदन ब्रिज के नाम से जाना जाएगा। एलिजाबेथ के निधन वाले दिन को लोग डी डे के रूप में जानेंगे । निधन के ठीक दस दिन बाद उन्हें दफनाया जाएगा ।

एलिजाबेथ के ताबूत को तीन दिनों तक संसद भवन में रखा जाएगा । मौत की खबर सबसे पहले उनके सेक्रेटरी को मिलेगी । फिर वो खबर ब्रिटेन प्रधानमंत्री तक जाएगी। फिर वहां से सभी को बताया जाएगा। शाही अंतिम संस्कार में ब्रिटेन के लोग तो रहेंगे साथ ही अन्य देशों के मुख्य अतिथि भी जाएंगे। लंदन की सड़को पर इतनी भीड़ होगी की ग्रिड लॉक पुलिस को संभालना मुश्किल हो जाएगा । महारानी की मौत के बाद नए किंग युनाइटेड किंगडम के चार देशों की यात्रा करेंगे। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय जहां रहती है उसे बकिंघम पैलेस कहते है उनकी मौत के बाद पूरे बकिंघम पैलेस को दुल्हन कि तरह सजाया जाएगा । एक दिन का राष्ट्रीय शोक होगा। ब्रिटेन का झंडा कुछ दिनों तक झुका रहेगा।

महारानी एलिजाबेथ की मौत के बाद किन देशों की बदलेगी करेंसी

आपको यह सुनकर शायद थोड़ा आश्चर्य हो रहा होगा कि क्या किसी के मरने से दूसरे देश की करेंसी पर भला क्या फर्क पड़ेगा। आप शायद जानते ही नहीं है की ब्रिटेन कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय कितनी ताकतवर महिला है । ब्रिटेन ने जिन देशों में अपना चाबुक चलाया है उस देश में जाने के लिए एलिजाबेथ को किसी की अनुमति , और ना ही किसी प्रकार के पासपोर्ट की जरूरत है वह कभी कभी किसी को बिना बताए जा सकती है । क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय ने किसी भी अन्य ब्रिटिश सम्राट से ज्यादा तक ब्रिटेन में शासन किया है ।

आपको बता दें कि एलिजाबेथ 6 फ़रवरी 1952 से ब्रिटेन की महारानी का औहदा सम्भाल रही है । वैसे तो इंग्लैंड की करेंसी पाउंड है जिसमे एलिजाबेथ की फोटो लगी है इसके अलावा कई साइज देश भी है जिनकी करेंसी में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की फोटो लगी है । ऐसे में जब उनकी मृत्यु होगी तो इंग्लैंड के साथ कई अन्य देशों की करेंसी पर फर्क पड़ेगा । ज्यादातर देश अपने मुद्रा पर अपने देश की किसी महान व्यक्ति की तस्वीर छापता है जैसे भारत में महात्मा गांधी, पाकिस्तान में मोहम्मद अली जिन्ना, बांग्लादेश में मुजीबुर्रहमान , अमेरिका में जॉर्ज वाशिंगटन ।

हर देश की करेंसी का अलग मूल्य होता है ।ब्रिटेन में यह नियम है कि उस जो महान व्यक्ति जिंदा रहेंगे उसी की फोटो करेंसी में छपी रहेगी । एलिजाबेथ की मौत के बाद प्रिंस चार्ल्स महाराजा बनेंगे और फिर एलिजाबेथ की फोटो वाले नोट बदल दिए जाएंगे । करेंसी बदलने पर ब्रिटेन में 200 मिलियन खर्च आएगा । इसका असर सिर्फ ब्रिटेन पर नहीं बल्कि अन्य देशों पर भी पड़ेगा। जैसे ऑस्ट्रेलिया , जिसकी मुद्रा ऑस्ट्रेलियन डॉलर है ऑस्ट्रेलिया पाउंड की शुरुआत 1910 में हुई थी । ऑस्ट्रेलियाई डॉलर आधिकारिक रूप से कंबोडिया , बोत्सवाना, गांबिया, न्यू कैले डोनिया , और ज़िम्बाब्वे में भी चलन है । यहां के कुछ नोटों पर महारानी एलिजाबेथ है एलिजाबेथ की मौत के बाद प्रिंस चार्ल्स की फोटो लग जाएगी ।

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