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No Fly Zone : नो फ्लाई जोन की मांग कर रहे जेलेंस्की , तो पश्चिमी देशों को क्यों है परहेज

No Fly Zone : रूस और यूक्रेन के महायुद्ध को 12 दिन बीत चुके है आज जंग का 13 वां दिन है जहां एक तरफ कयास ये लगाए जा रहे थे कि शायद अब इस मसले का हल बातचीत के जरिए हो सकेगा । कई बार बातचीत का दौर भी हुआ लेकिन बेनतीजा रही । रूस ने हमले और क्रूरता के साथ जारी कर दिए है रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव से महज 15 किलोमीटर दूर है पुतिन ने आदेश भी दे दिए है कि प्रेसिडेंशियल भवन पर हमला कर दो ।

पुतिन की क्रूरता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पुतिन किसी भी कीमत पर यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को मारना चाहते है लेकिन यूक्रेन के पलटवार और साहस से दुनिया हैरान है जिस तरह वह पुतिन का मुकाबला कर रहे है इस बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति ने मांग की है कि यूक्रेन को नो फ्लाई जोन घोषित किया जाए । इसकी चर्चा जेलेंस्की ने अपने पुराने वीडियो में अपील कर चुके है ऐसा क्यों कहा वो भी समझते है पिछले दिनों रूसी सैनिकों ने कीव के दक्षिण और पश्चिम में बसे शहर विनिस्ता के नागरिक हवाई अड्डे पर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए थे ।

No Fly Zone
No Fly Zone

उस हवाई अड्डे पर रूसी सैनिक ने मिसाइल से अटैक किया था। क्या दुनिया इस बात को समझ रही है कि मानवीय हत्या रूस कर रहा है इसके उलट भी समझिए यूक्रेन ने दावा किया कि उसने रूस के 11000 सैनिक मार दिए है तो क्या यूक्रेन के लिए यह मानवीय हत्या नहीं है समझ से परे है रूस ने सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कह दिया है कि अगर यूक्रेन नो फ्लाई जोन घोषित होता है तो जमीनी और समुद्री स्तर से तीसरा मुल्क यूक्रेन की सीमा पर एंट्री न करे नहीं तो परिणाम खतरनाक होंगे ।

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रूस के लिए चिंता यह भी है कि नो फ्लाई जोन से हवाई अटैक रूसी सेना नहीं कर पाएगी मतलब इस जंग में रूस की एयर फोर्स का कोई काम नहीं रह जाएगा। जितनी तेजी और आक्रामकता से हवाई हमले हो रहे है उससे रूस को अभी कोई परेशानी नहीं है लेकिन यूक्रेन ऐसे हमलों से सिकुड़ता जा रहा है हैरानी की बात यह है कि नाटो देश भी नो फ्लाई जोन की बात नकारते रहे है ।

आखिर क्या होता है No Fly Zone

नो फ्लाई जोन क्या होता है उसे तो समझेंगे । पहले रूस की तरफ से आई सख्त चेतावनी भी जान लीजिए । रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी सरकारी विमान कम्पनी एयरोफ्लोट के फ्लाईट अटेंडेंट टीम के साथ बैठक की और चेतावनी देते हुए सख्त लहजों में कहा कि अगर यूक्रेन को कोई भी देश नो फ्लाई जोन घोषित करता है तो उस देशों को युद्ध में शामिल माना जाएगा और फिर यूक्रेन के साथ उस देश को भी परिणाम भुदगने होंगे । फ्लाई जोन क्या है इसे आसान भाषा में समझिए नो फ्लाई जोन ऐसे हवाई स्थान को परिभाषित करता है जहां यह तय किया जाता है कि इस हवाई स्थान के उपर से विमान उड़ान नहीं भर सकते।

No Fly Zone का इस्तेमाल संवेदनशील इलाकों की रक्षा के लिए किया जाता है शाही स्थान, निवास , खेल स्थान, पर्यटक इमारत , तीर्थ स्थल । सेना के लिहाज से नो फ्लाई जोन का मतलब होता है उस क्षेत्र में कोई भी विमान नहीं जा सकता । जिससे किसी हमले और निगरानी से रोका जा सके । नो फ्लाई जोन को सेना लागू करती है इसका फायदा सिर्फ यूक्रेन और नाटो देशों को होगा कैसे समझिए अगर रूसी सेना का कोई भी सैन्य विमान नो फ्लाई जोन पर नजर आता है तो नाटो सेना उसे मार सकती है ।

पश्चिमी देशों को क्यों है परहेज

अगर यूक्रेनी राष्ट्रपति के कहने पर उस एरिया को नो फ्लाई जोन घोषित किया जाता है तो इसमें जंग के हालात कमजोर नहीं बल्कि और आक्रामक हो जाएगी । मान लीजिए अगर नाटो देश रूसी एयरक्राफ्ट और हथियारों को निशाना बनाते है तो इससे रूस चुप नहीं बैठेगा और युद्ध और भीषण हो जाएगा । जो युद्ध अभी तक सिर्फ रूस और यूक्रेन के बीच है लेकिन ऐसा होने से नाटो की एंट्री हो जाएगी जो युद्ध की दिशा मोड़ देगा जंग तेज हो जाएगी । इस पर नाटो के महासचिव साफ कर चुके है कि अगर हम नो फ्लाई जोन लागू करते है तो इससे एक संपूर्ण संघर्ष का आव्हान होगा जिसमे कई अन्य देश भी शामिल हो सकते है फिर मानव त्रासदी और भयानक हो जाएगी ।

एक बात जो काफी महत्वपूर्ण है उसे समझना चाहिए । एक ओर जहां नाटो और पश्चिमी दे रूस पर एक के बाद एक प्रतिबन्ध लगा रहे है तो वहीं नो फ्लाई जोन को लागू करने से परहेज़ कर रहे है नाटो अपने आप को इस जंग में सीधे तौर पर शामिल नहीं होना चाहता चाहे जमीनी रास्ते हो या हवाई रास्ते । नो फ्लाई जोन घोषित करना सिर्फ यूक्रेन के लिए नहीं बल्कि दुनिया के लिए बेहद गंभीर फैसला होगा । ऐसा करने से तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत मानी जाएगी ।

मोटा माटी यह है कि अगर पूरे 30 नाटो देश नो फ्लाई जोन लागू करते है तो इन सभी देशों में युद्ध छिड़ जाएगा। अमेरिका ने भी इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई । अमेरिका भी जानता है ऐसा करना खतरे से कम नहीं है क्योंकि रूस ने अपने न्यूक्लियर संयंत्र को अलर्ट पर रखा है जिसका इस्तेमाल कभी भी कर सकता है ।

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