Johnny lever Comedy : फैक्ट्री में काम करने वाला लड़का कैसे बना भारत का सबसे बड़ा कॉमेडियन सुपर स्टार
How a boy working in a factory became India's biggest comedian superstar
Johnny lever Comedy : कौन कहता है किस्मत पहले से लिखी होती है जिंदगी में कुछ कर गरजने चाह और लगन हो तो किस्मत खुद लिखी जा सकती है । बॉलीवुड में 80 और 90 के दशक फिल्मों में जब भी हंसाने की बात होती थी तो डायरेक्टर उस शख्स को ले आते जिसने अपने दम पर सबको हंसाया , उस शख्स के लिए लिए स्क्रिप्ट लिखी ही नहीं जाती थी । उसके बावजूद हंसी के पंच ऐसे होते थे कि हंसने के बाद आंखो में आंसू तक आ जाते थे । लेकिन क्या आपने कभी सोचा है उसकी जिंदगी में कितने आंसू निकल होंगे । लेकिन घूंट की तरह अकेले ही पी जाता था।
हम बात कर रहे जॉन राव की जिसे आज भारत ही नहीं दुनियाभर मे उसे जॉनी लीवर के नाम से जानते है । सड़क पर पेन बेचने वाला लड़का आगे चलकर इंडिया का सबसे बड़ा कॉमेडियन कैसे बना। 13 साल की उम्र में जॉनी लीवर के साथ ऐसा क्या हुआ कि वह जान देने के किए रेलवे ट्रैक पर लेट गए। हिंदुस्तान लीवर मे काम करने वाला जॉन कैसे बन गया इंडिया का चेहता जॉनी लीवर , आपको बताएंगे जॉन राव से जॉनी लीवर बनने की कहानी ।
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फैक्ट्री में काम करने वाला जॉन राव बना जॉनी लीवर
जॉन बहुत छोटी उम्र से ही स्टेज पर शोज किया करते थे जॉन कि उम्र जब 18 साल हुई तो उनके पिता ने उनकी नौकरी हिन्दुस्तान लीवर फैक्ट्री में लगवा दी । यह एक साबुन की फैक्ट्री थी । जॉन को इस फैक्ट्री मे कैट लीस्ट डिपार्टमेंट में लेबर का काम मिला । जॉन समय निकालकर स्टेज शो करने चले जाते थे। फैक्ट्री के पैसे से घर नहीं चल पाता था जॉन स्टेज पर कॉमेडी करते तो खूब तालियां बजती थीं परिवार के दबाव के सकते जॉनी लीवर फुल टाइम कॉमेडी नहीं कर पाते थे । पिता प्रकाश राव को डर था कि कॉमेडी के चलते कहीं जॉन की नौकरी न चली जाए। जॉन एक दिन नौकरी बंक करके कॉमेडी करने चले गए पिता को पता लगा तो वहीं पहुंच गए जहां जॉन परफॉर्मेंस कर रहे थे।
एक रबर की पाइप उठाई और वेन्यू कि तरफ चल पड़े। जॉन की कॉमेडी से तीन हजार लोग करीब जो बैठे थे वह खूब हंस रहे थे जॉन कि नजर पिता पर पड़ी जिनके हाथ में रबर की पाइप थी जॉन समझ गए कि अब उनको पिटने से कोई नहीं बचा सकता । इसलिए जॉन उस दिन घर नहीं गए और दोस्त के घर चले गए। रात को जॉन चुपके से घर गए। एक बार जॉन की कम्पनी में फंक्शन चल रहा था। और जॉन को परफॉर्मेंस करने को कहा गया तो जॉन ने सभी सीनियर अफसरों की नकल की और खूब तालियां बजीं । इसके बाद यूनियन लीडर सुरेश भोसले जॉन के पास आए और कहा कि आज तूने पूरे लीवर की कर डाली आज से तेरा नाम जॉनी लीवर है फिर जॉन राव से जॉनी लीवर बन गए ।

शत्रुघ्न सिन्हा की नकल ने जॉनी लीवर की जिंदगी बदल दी
अब सबको यह पता चल गया था कि जॉनी लीवर कॉमेडी करते है । जॉनी लीवर 6 साल बाद कम्पनी से अलग हो गए। जॉनी लीवर अब फुल टाइम को कॉमेडी करने लगे। एक बार जॉनी लीवर सोनू निगम के पिता अगम निगम के स्टेज में परफॉर्मेंस करने लगे। कल्याण जी आंनद जी जैसे नामचीन म्यूजिक डायरेक्टर की जोड़ी ने जॉन कि अपने साथ जोड़ा। जॉन की उस समय 30 रूपये मिलते थे । अशोक कुमार की नकल की । एक दिन जॉनी लीवर शत्रुघ्न सिन्हा की नकल कर रहे थे तभी वहां शत्रुघ्न सिन्हा आ गए । जॉन ने उन्हें देख लिया और सोचा की कहीं वो नाराज़ तो नहीं है ।
शत्रुघ्न ने अपनी नकल करने को कहा फिर जॉनी लीवर ने उनका एक डायलॉग उन्हीं के अंदाज में सुनाया। वो इंप्रेस हो गए। सुनील दत्त की नजर पड़ी । सुनील दत्त एक फिल्म बना रहे थे। सुनील ने जॉनी लीवर को कास्ट कर लिया । 1982 में आई फिल्म दर्द का रिश्ता से जॉनी लीवर की फिल्मी करियर की शुरुआत हुई उसी समय जॉनी लीवर को कुछ और फिल्म मिली , चालबाज, तेजाब, जादूगर , नरसिम्हा खिलाड़ी जैसी फिल्म में नजर आए। जॉनी लीवर धीरे धीरे खूब मशहूर हो चुके थे ।
कई बार तो फिल्ममेकर उनके लिए रोल ही नहीं लिखते थे। साल 1984 में जॉनी लीवर की शादी सुजाता से हुई उनको उनसे दो बच्चे हुए जैमी और जेस्सी । जब उनका बेटा छोटा था तो उनके गले में थ्रोट ट्यूमर था वह ऑपरेशन नहीं कराना चाहते थे । जॉनी लीवर के बेटे की जान बचाने के लिए जॉनी लीवर ने शराब पीना छोड़ दिया और प्रार्थना शुरू कर दिया इसके बाद किसी तरह उनकी जान बची । जॉनी लीवर ने अपने करियर में 300 से अधिक फिल्म की है और लगभग सभी अभिनेताओं के साथ काम किया है । फिल्मों में हंसी का पिटारा लाने के लिए डायरेक्टर की पहली पसंद जॉनी लीवर हुआ करते थे।
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