kukrukoo
A popular national news portal

Gulshan Kumar Death : मंदिर के सामने 16 गोलियों से छलनी हुआ था गुलशन कुमार का शरीर, मौत के पीछे कई किरदार थे

Gulshan Kumar Death: Gulshan Kumar's body was riddled with 16 bullets in front of the temple

Rahul Anand

Gulshan Kumar Death: Gulshan Kumar’s body was riddled with 16 bullets in front of the temple : आज कहानी उस शख्स की करेंगे जो हिन्दुस्तान में कैसेट का किंग था। जिसके गाने और कैसेट भारत के कोने कोने में मिल जाती थी । जो हुनर की बुलंदियों पर था किस्मत मेहरबान थी चारो तरफ सिर्फ उसी के नाम कि गूंज थी । बहुत कम समय में अरबों के जादुई आंकड़े को छूने वाले शख्स को बचाया जा सकता था लेकिन एक चूक की वजह से उसके शरीर को 16 गोलियां झेलनी पड़ी थी ।

जिसकी मौत की कई गुत्थियां है कइयों ने तो अलग अलग किस्से भी बताए थे आखिर कौन है वो शख्स जिसके नाम और शोहरत को दुश्मन पचा नहीं पाए । हम बात कर रहे है टी सीरीज के मालिक गुलशन कुमार की । लेकिन हम पहले कहां से शुरुआत करें उनके मौत का कारण जाने या फिर उनका जीवन परिचय बताएं , या फिर उनकी कामयाबी के किस्से सुने जो उनकी मौत की वजह बनी । चलिए शुरुआत करते है जीवन परिचय से । गुलशन कुमार का जन्म 5 मई 1951 को दिल्ली के दरियागंज हुआ ।

उनके पिता की जूस की दुकान थी गुलशन कुमार(Gulshan Kumar Death) उनका हाथ बटाते थे । लेकिन गुलशन कुमार को संगीत से अधिक प्रेम था। वो 80 का दशक था । उस समय गानों के कैसेट खूब बिका करते थे। लेकिन गुलशन कुमार को कामयाबी तब मिली जब उन्होंने 1983 में टी सीरीज की शुरुआत की । कामयाबी , शोहरत और पैसा इस कदर छाया था कि गुलशन कुमार उस समय देश में सबसे ज्यादा टैक्स चुकाने वाले व्यक्ति थे । लेकिन 90 के दशक में अंडरवर्ड की परछाई गुलशन कुमार और उनके सफल कारोबार पर पड़ी । एक बार अबू सलेम ने उनसे फिरौती की मांग की । अबू सलेम ने धमकाया भी । लेकिन गुलशन कुमार डरे नहीं और फिरौती भी नहीं दी । एक बार की बात है जब अबू सलेम ने फिरौती में 10 करोड़ मांगे तो गुलशन कुमार ने कहा कि दस करोड़ तुम्हे देने से अच्छा है कि मै वैष्णो देवी मंदिर में भंडारा करा दूंगा। फिर मुंबई के अंडरवर्ड मसीहा दाऊद इब्राहिम के इशारे पर अबू ने एक शार्प शूटर की मदद से 12 अगस्त 1997 को हत्या करा दी।

Gulshan Kumar Death: Gulshan Kumar's body was riddled with 16 bullets in front of the temple
Gulshan Kumar Death: Gulshan Kumar’s body was riddled with 16 bullets in front of the temple

राकेश मारिया ने अपनी किताब में क्या लिखा है

राकेश मारिया बताते है कि 22 अप्रैल 1997 को उनके पास एक खबरी का फोन आया। उस खबरी ने उन्हें गुलशन कुमार की हत्या का प्लान बताया था। मारिया ने गुलशन कुमार हत्याकांड को लेकर कई खुलासे किए थे उन्होंने अपनी किताब लेट मी से इट नाउ में लिखा कि क्राइम ब्रांच को पहले से ही गुलशन कुमार की हत्या की जानकारी थी । 22 अप्रैल 1997 को एक खबरी का फोन आया उसने कहा कि गुलशन कुमार की हत्या का प्लान बनाया गया है पूछे जाने पर खबरी ने नाम नहीं बताया। खबरी ने अबू सलेम का नाम बताया । खबरी ने यह भी कहा कि शिव मंदिर जाते वक्त उनकी हत्या की जाएगी। क्योंकि गुलशन कुमार(Gulshan Kumar Death) रोज शिव मंदिर पूजा करने जाते है ।

आपको बता दें कि गुलशन कुमार वैष्णो देवी के भक्त थे माता वैष्णो में उनकी गहरी आस्था थी। गुलशन कुमार ने भक्तों के लिए कई सुविधाएं करवाई वैष्णो देवी मंदिर में । इसके अलावा मुंबई के जितेश्वर महादेव मंदिर जाया करते थे। 12 अगस्त 1997 को करीब सुबह आठ बजे गुलशन कुमार मंदिर पूजा करने के लिए पहुंचे थे । मौत से पहले गुलशन के पास 7 बजे एक फोन आया । एक दोस्त और सिंगर से मिलने के बाद मंदिर जाएंगे । गुलशन कुमार के इस कॉल के बाद तीन घंटे बाद एक खबर आई कि गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई यह खबर बॉलीवुड में आग की तरह फ़ैल गई । इसके बाद धीरे धीरे समूचे देश को मौत की बात पता चली ।

16 गोलियों से छलनी हुआ गुलशन कुमार का शरीर

सुबह करीब दस बजे गुलशन कुमार मंदिर से पूजा करने के बाद निकल रहे थे। तभी उन्हें अपनी पीठ पर बन्दूक की नाल महसूस हुई उन्होंने सामने एक आदमी को बन्दूक के साथ देखा। गुलशन ने उससे कहा यह क्या कर रहे हो तो उसने कहा पूजा बहुत हुई अब उपर जाकर करना। इसके बाद गुलशन जवाब दे पाते कि उनपर गुंडों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी । गुलशन कुमार को 16 गोलियां लगी जिससे उनका शरीर छलनी हो गया गुलशन कुमार बचने के लिए दरवाजे खटखटाते रहे। लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला। उनके साथ ड्राइवर था उसने बचाने के लिए कलश फेका लेकिन हत्यारो ने उसके पैर में गोली मार दी जिससे वह जख्मी हो गए।

Devanand : खुद की जिंदगी से प्यार करने वाला अभिनेता देवानंद , जिस पर तीन पीढ़ियों की महिलाएं थी फिदा

इससे पहले गुलशन कुमार को सुरक्षा मुहैया कराई गई थी लेकिन सुरक्षा की जिम्मेदारी मुंबई की बजाय यूपी पुलिस की थी जिस दिन उनकी हत्या हुई उनके बॉडीगार्ड की तबियत ठीक नहीं थी। माना गया कि उनकी हत्या के पीछे दाऊद और अबू सलेम का हाथ था उन्होंने शार्प शूटर दाऊद मर्चेंट और विनोद जगताप ने गुलशन कुमार की हत्या की थी। विनोद ने कबूला कि उनकी हत्या हमने की थी इसके बाद उसे आजीवन कारावास मिला। मर्चेंट को उम्रकैद कि सजा मिली। कई फिल्मी हस्तियों और माफिया उनके पीछे पड़े थे संगीतकार नदीम सैफी पर आरोप भी लगा। 90 के दशक का कैसेट किंग गुलशन कुमार को अंदेशा तक नहीं था कि उनकी शोहरत के साथ साथ दुश्मन भी साथ साथ चल रहे है।

#kukrukoo

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

You might also like