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Flex-fuel Engine : अब इस ईंधन से चलाइए अपनी गाड़ी, हो सकती है 30-35 रुपये की बचत

Now drive your car with this fuel, maybe 30-35 rupees

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों (Petrol-Diesel Price) से परेशान लोगों के लिए सरकार अगले 8 से 10 दिनों में बड़ा फैसला ले सकती है. सरकार ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में फ्लेक्स-फ्यूल इंजन (Flex-fuel Engine) को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने यह जानकारी दी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस कदम से किसानों को मदद मिलेगी और भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) को बढ़ावा मिलेगा.

अब इस ईंधन से चलाइए अपनी गाड़ी, हो सकती है 30-35 रुपये की बचत

गडकरी ने रोटरी जिला सम्मेलन 2020-21 (Rotary District Conference 2020-21) को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि वैकल्पिक ईंधन इथेनॉल (Ethanol) की कीमत 60-62 रुपए प्रति लीटर है जबकि देश के कई हिस्सों में पेट्रोल की कीमत (Petrol Price) 100 रुपए प्रति लीटर से ज्यादा है.

इसलिए इथेनॉल के उपयोग से भारतीयों को 30-35 रुपए प्रति लीटर की बचत होगी.

फ्लेक्स-फ्यूल इंजन का होगा विकल्प

उन्होंने कहा, मैं परिवहन मंत्री हूं, मैं उद्योग के लिए एक आदेश जारी करने जा रहा हूं कि केवल पेट्रोल इंजन नहीं होंगे, फ्लेक्स-फ्यूल इंजन होंगे, जहां लोगों के पास विकल्प होगा कि वे 100 फीसदी कच्चे तेल का उपयोग कर सकें. केंद्रीय परिवहन मंत्री ने कहा, मैं 8 से 10 दिनों में फैसला लूंगा और हम इसे (फ्लेक्स-फ्यूल इंजन) ऑटोमोबिल इंडस्ट्री के लिए अनिवार्य कर देंगे

इन देशों में हो रहा फ्लेक्स-फ्यूल इंजन का उत्पादन

उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि ब्राजील, कनाडा और अमेरिका में ऑटोमोबाइल कंपनियां फ्लेक्स-फ्यूल इंजन का उत्पादन कर रही हैं जिससे ग्राहकों को 100 फीसदी पेट्रोल या 100 फीसदी बायो-इथेनॉल (Bio-ethanol) के इस्तेमाल का विकल्प उपलब्ध कराया जा रहा है.

पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य

बता दें कि सरकार ने अगले दो साल में पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल ब्लेंडिंग (ethanol-blending) का लक्ष्य रखा है जिससे देश को महंगे तेल आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी. इससे पहले सरकार ने 2025 तक इसे हासिल करने का लक्ष्य रखा था जिसे अब और नजदीक करते हुए 2023 कर दिया गया है.

गडकरी ने कहा कि वर्तमान में पेट्रोल में 8.5 फीसदी इथेनॉल मिलाया जाता है, जो 2014 में 1-1.5 फीसदी था. उन्होंने कहा कि इथेनॉल पेट्रोल से बेहतर ईंधन है और यह आयात का विकल्प, लागत प्रभावी, प्रदूषण मुक्त और स्वदेशी है. यह (फ्लेक्स-फ्यूल इंजन को अनिवार्य बनाना) भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाला है क्योंकि हम एक कॉर्न सरप्लस, हम एक शुगर सरप्लस और एक गेहूं सरप्लस देश हैं. हमारे पास इन सभी खाद्यान्नों को रखने के लिए जगह नहीं है.

क्या होता है इथेनॉल

इथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जाता है. इथेनॉल का उत्पादन वैसे तो गन्ने से होता है. इसे पेट्रोल में मिलाकर 35 फीसदी तक कार्बन मोनोऑक्साइड कम किया जा सकता है. इथेनॉल ब्लेंडिंग वाले पेट्रोल से आम आदमी को भी बड़ा फायदा होगा. इथेनॉल से चलने वाली गाड़ी पेट्रोल के मुकाबले बहुत कम गर्म होता है. इथेनॉल में अल्कोहल जल्दी उड़ जाता है, जिसके चलते इंजन जल्द गर्म नहीं होता है.

News Source – TV9 BharatVarsh

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