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Darbhanga Train Blast : आतंकी नए तरह के हमले के फिराक में थे, जानिए पूरा मामला

Darbhanga Train Blast: Terrorists were looking for a new type of attack, know the whole matter

Darbhanga Train Blast:
Darbhanga Train Blast:

दरभंगा ब्लास्ट केस में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे चौंकानेवाले खुलासे होते जा रहे हैं। फिलहाल इस मामले में तीन शहर (दरभंगा, हैदराबाद और शामली), दो देश (भारत और पाकिस्तान) और पांच लोगों के नाम (सलीम, कफील नासिर, इमरान और काना) सामने आए हैं। मगर जब पूरा पड़ताल करने पर पता चला कि जिन पांच लोगों की वजह से इतना फैलाव दिख रह है, दरअसल इनकी तार यूपी के शहर शामली में जाकर कनेक्ट हो जाती है। मतलब ये कि सलीम से लेकर काना तक सभी शामली के ही रहनेवाले हैं। ये देश में नए तरीके से आतंकी साजिश को अंजाम देने के फिराक में थे।

शामली के इकबाल काना ने पाकिस्तान से रची साजिश
सलीम, कफील, नासिर, इमरान तो सिर्फ मोहरे थे, पैसे के लिए देश को बर्बाद करना चाहते थे। लोगों के घरों में मातम फैलाने के एवज में इन्हें पाकिस्तान से मोटी रकम मिलनेवाली थी। मगर इनकी साजिश कामयाब होने से पहले ही पकड़ी गई। इनका आका पाकिस्तान में बैठा है, जिसका नाम इकबाल काना है। पाकिस्तान का मतलब ये नहीं कि इकबाल काना लाहौर या इस्लामाबाद का रहनेवाला है। इकबाल काना अपने उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कैराना का रहनेवाला है। अब वो पाकिस्तान से हिन्दुस्तान के लिए आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के इशारे पर साजिश रचता है। भारत में आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए मोहरे फिट करते रहता है। इकबाल काना शुरुआत में सोने की तस्करी करता था। बाद में नकली नोटों और असलहे के तस्करी करने के धंधे में आ गया। 1995 में पुलिसिया दबाव बढ़ने पर अपने परिवार के साथ पाकिस्तान भाग गया।

हैदाबाद के मलिक ब्रदर्स भी शामली के रहने वाले
कैराना (शामली) के रहनेवाले इकबाल काना ने शामली के सलीम को आतंकी वारदात के लिए रिक्रूट किया। साजिश का प्लान बनाया। मगर इस वारदात को अंजाम देने के लिए सेफ सिटी (सुरक्षित शहर) में रहनेवाले किसी शख्स की तलाश शुरू हुई, जो खासकर कपड़ों का कारोबार रेलवे के जरिए करता हो। सलीम की तलाश मलिक ब्रदर्स पर जाकर पूरी हुई। नासिर और इमरान मलिक भी शामली के ही रहनेवाले हैं, जो हैदराबाद में रहकर कपड़ों का कारोबार करते थे। पहली नजर में लगता है कि अलग-अलग शहरों के लोगों ने देश को दहलाने की साजिश रची होगी। मगर जब कड़ियां जोडी गईं तो पता चला कि खूंटा एक ही जगह गड़ा हुआ है और वो है शामली कनेक्शन। इसमें कफील नाम के शख्स भी शामिल है जो सलीम के पिता हैं। बेटे की पापों की वजह से पिता को हथकड़ी पहननी पड़ी। एनआईए ने उनको रिमांड पर भी नहीं लिया है। कफील पटना के बेऊर जेल में हैं। मतलब पूरे मामले मुख्य रूप से चार साजिशकर्ता हैं, जिसमें एक इकबाल काना पाकिस्तान में बैठा है। मगर सब के सब यूपी के शामली के रहनेवाले हैं।

पूरे देश में शामली कनेक्शन को खंगालने में जुटी NIA
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सलीम ने बताया है कि कैसे पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन भारत की तबाही का प्लान तैयार कर रहे हैं। खुलासे के बाद कई और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। दरभंगा में धमाके के बाद पाकिस्तान से हवाला के जरिए शामली में रहने वाले सलीम को करीब पौने दो लाख रुपए दिए गए। अगर आतंका का ट्रायल सफल हो जाता तो उसे करोड़ों रुपए मिलने वाले थे। पाकिस्तान से इकबाल काना ने मोबाइल के जरिए इमरान को लगातार लिक्विड बम बनाने का वीडियो भेजा और उसी वीडियो को देखकर लिक्विड बम बनाया गया था। खबरों की मानें तो एनआईए इस पूरी जांच को केवल दरभंगा तक सीमित नहीं रखना चाहती। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी का मकसद है कि इस आतंकी नेटवर्क में शामिल सभी लोगों को सलाखों के पीछे भेजा जाए।

News Source- NBT

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