Team India : क्रिकेट एक ऐसा खेल जिसमे पहले से यह तय कर लेना की सामने वाला हार जाएगा और हम जीत जाएंगे। ये बेतुकी बात होती है क्योंकि सभी को पता है कि क्रिकेट अनिश्चिताओं का खेल है एक गेंद पूरे मैच का रुख बदलने के लिए काफी होती है। हार और जीत के बीच सिर्फ गेंद गेंद का फांसला होता है। लेकिन अगर एक सवाल आपसे पूछा जाए कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में कोई कप्तान कितने खिलाड़ियों को गेंदबाजी करने का मौका देता है । चार, पांच या छह गेंदबाज सात गेंदबाजों से भी गेंदबाजी कराई जा सकती है। आपको एक हैरानी वाली बात बताता हूं आप यकीन नहीं करेंगे की टीम इंडिया ने एक टेस्ट मैच में पूरे 11 खिलाड़ियों से गेंदबाजी कराई । जो अपने आपमें वाकई एक इतिहास था। आप यह पहली बार सुन रहे हो लेकिन उसकी मानिए यह वाक्या हो चुका है। कब, कैसे, कहां, किसके साथ , क्या था उस टेस्ट का नतीजा , कौन बना मैन ऑफ द मैच, कहां खेला गया मैच सबकुछ आपको बताएंगे । बस आपको आराम से पूरी स्टोरी को पढ़ना होगा ।
Indira Gandhi : इंदिरा गांधी , शंकराचार्य और चुनाव चिन्ह पंजे का आपस में क्या है कनेक्शन , जो इंदिरा की जीत का कारण बने
भारत बनाम वेस्टइंडीज सेंट जोन्स चौथा टेस्ट
जब भी किसी टेस्ट मैच में कोई कप्तान प्लेइंग इलेवन बनाता है तो उसमें कम से कम चार गेंदबाज और अधिक से अधिक पांच गेंदबाजों को लेकर मैदान पर उतरता है इस उम्मीद से कि यही गेंदबाज विरोधी टीम के बल्लेबाजों को नेस्तनाबूत कर देंगे ।और हमारे गेंदबाजों के सामने बल्लेबाज घुटने टेक देंगे। लेकिन आप यही नहीं करेंगे हम जिस टेस्ट की बात करने जा रहे है उसमे पूरे 11 खिलाड़ियों ने गेंदबाजी की थी । यह बात है साल 2002 की , विरोधी टीम वेसटइंडीज और यह मैच सेंट जोन्स में खेला गया था सीरीज का यह चौथा टेस्ट था मैच पूरे रोमांच मे था मैच ड्रा की ओर बढ रहा था।
टीम इंडिया विकेट को तरस रही थी फिर पूरी टीम ने गेंदबाजी करने को ठानी । हैरानी तब हुई जब टीम के विकेट कीपर अजय रात्रा भी अपने ग्लब्स उतारकर गेंदबाजी के लिए उतरे तो पूरा स्टेडियम देखता रह गया । टीम इंडिया की तरफ से कप्तान सौरव गांगुली थे और वेस्टइंडीज की तरफ से कार्ल हूपर कप्तान थे। भारतीय टीम ने 9 विकेट के नुकसान पर 513 रन बनाकर पारी घोषित कर दी थी । भारत की तरफ से वीवीएस लक्ष्मण और विकेट कीपर बल्लेबाज अजय रात्रा ने शतक जमाया था। जवाब में वेस्टइंडीज ने बल्लेबाजी की तो 9 विकेट पर 629 रन बना दिए मैच इतना नीरस था की दोनों टीमों की एक एक पारी खेली जा सकी थी ।
मैच में मुख्य गेंदबाज जहीर खान , अनिल कुंबले, जवागल श्रीनाथ, आशीष नेहरा थे इनसे विकेट निकालने की बात नहीं बन रही थी इसलिए फिर सौरव गांगुली ने राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, वसीम जाफर, शिव सुंदर दास, अजय रात्रा और खुद कप्तान सौरव गांगुली ने गेंदबाजी थी । हैरानी फिर तब हुई जब राहुल , लक्ष्मण और वसीम जाफर ने विकेट ले लिए । राहुल द्रविड़ ने 9 ओवर फेंके जिसमें उन्हे एक विकेट मिला , वीवीएस लक्ष्मण ने 17 ओवर फेंके जिसमे एक विकेट मिला। वसीम जाफर ने दो विकेट लिए । और टेस्ट ड्रा रहा । भारत के सभी खिलाड़ियों ने गेंदबाजी कर रिकॉर्ड और इतिहास दोनों बना डाला ।
इससे पहले ऐसा कब हुआ था
क्रिकेट में कई रिकॉर्ड बनते है तो कई टूटते है कई ऐसे होते है जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाते है । एक टीम की तरफ से 11 खिलाड़ियों का गेंदबाजी करना एक इतिहास ही था लेकिन इससे पहले ऐसा कारनामा , 3 बार हुआ है। पहली बार यह कारनामा 1884 ओवल के मैदान पर हुआ था इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज का तीसरा टेस्ट था जब 11 गेंदबाजों ने गेंदबाजी की थी । इसमें इंग्लैंड के कप्तान लॉर्ड हैरिस ने सभी गेंदबाजों का इस्तेमाल किया। दूसरी बार यह किस्सा 1979/80 में ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच फैसलाबाद टेस्ट मे हुआ । जहां एक टीम के 11 गेंदबाजों ने गेंदबाजी की । तीसरी बार हम बता चुके है भारत और वेस्टइंडीज के बीच 2002 टेस्ट मैच में हुआ था । अब चौथा इतिहास कब बनेगा यह सब क्रिकेट के गर्भ में छिपा है।
#kukrukoo