LJP के बाद अब कांग्रेस में टूट की संभावना, कई विधायक JDU के संपर्क में
After LJP, Nitish's eye on Congress, many MLAs in touch
पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में आंतरिक कलह के बाद अब जनता दल युनाइटेड का दावा है कि कांग्रेस के कई विधायक भी उनके संपर्क में हैं और जल्द ही टूट हो सकती है. दिल्ली से पटना लौटे जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने मंगलवार को यहां लोजपा की टूट में जदयू के किसी प्रकार की भूमिका होने से इनकार करते हुए कहा कि पारिवारिक विवाद के कारण लोजपा टूटी है. उन्होंने हालांकि कांग्रेस की टूट की संभावना जताई है. उन्होंने कहा, कांग्रेस के कई विधायक उनके संपर्क में हैं और जदयू में आ सकते हैं. जदयू नेता ने यह भी कहा कि कांग्रेस डूबती नैया है और उसमें कोई सवार होना नहीं चाहेगा.
उल्लेखनीय है कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में राजग में शामिल जदयू राजग में दूसरे नंबर की पार्टी बन गई है. राजग में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। चुनाव परिणाम के बाद से ही जदयू अपने कुनबे को बड़ा करने में जुटी है.
विधानसभा चुनाव में लोजपा और बसपा ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की थी और दोनों दलों के विधायक जदयू में शामिल हो चुके हैं. ऐसे में माना जा रहा है जदयू खुद को मजबूत करने के लिए कांग्रेस के विधायकों को भी अपने पाले में कर सकती है. वैसे, कांग्रेस में टूट की खबर चुनाव के बाद से ही सामने आती रही है, लेकिन कांग्रेस ने अब तक अपने विधायकों को संभालकर रखा है.
LJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से भी हटाए गए चिराग, सूरजभान सिंह बने कार्यकारी अध्यक्ष
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) (Lok Janshakti Party) में मचे घमासान के बाद चिराग पासवान (Chirag Paswan) को संसदीय दल के नेता के साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया गया है. चाचा पशुपति कुमार पारस समर्थक नेताओं ने LJP संविधान का हवाला देते हुए चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटा दिया है. उनका कहना था कि तीन-तीन पदों पर चिराग पासवान एक साथ काबिज थे. बताया जा रहा है कि पशुपति कुमार पारस 20 जून तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल लेंगे. चिराग पासवान को हटाने के बाद सूरजभान सिंह को लोजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए चुनाव कराने का प्रभार भी दिया है.
लोक जनशक्ति पार्टी में उठापटक के बीच सांसद चिराग पासवान का एक पत्र वायरल हुआ है, जो 29 मार्च को उन्होंने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस को लिखा था, जिसमें चिराग रामविलास पासवान के रहने के वक्त का जिक्र किए हैं. करीब छह पन्नों के इस पत्र में चिराग ने पार्टी, परिवार व रिश्तेदारी जैसे हर मसले पर खुल कर अपनी बातें रखी हैं.
अपने चाचा पशुपति कुमार पारस को निशाने पर लेते हुए चिराग पासवान ने यह भी लिखा है कि 2019 में रामचंद्र चाचा के निधन के बाद से ही आप में बदलाव देख रहा था. प्रिंस को जब जिम्मेदारी दी गई तब भी आपने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी. पापा ने पार्टी को आगे बढाने के लिए मुझे राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया तो इस फैसले पर भी आपकी नाराजगी रही. चिराग ने पत्र लिखकर यह बताने की पूरी कोशिश की है. उन्होंने पार्टी व परिवार में एकता रखने की कोशिश की, लेकिन वह इसमें असफल रहें.