सोना-चांदी होगा सस्ता, मोबाइल खरीदना होगा महंगा, जानें बजट में किसे-क्या मिला
जिस चीज का लंबे समय से हम सभी भारत वासियों को इंतजार था , आज वह बजट आ चुका है। मोदी सरकार द्वारा आज के दिन यानी कि 1 फरवरी को आम बजट की पेशकश होनी है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लगातार तीसरी बार यह बजट पेश किया जा रहा है।
बजट 2021 – 22 के दौरान अधिक उम्र के लोगों को बड़ी राहत दी गई है। 60 – 65 उम्र के लोगों को एक बड़ी राहत दी जा रही है। इस नए बजट में ना केवल सरकार ने टैक्स एसेसमेंट की सीमा घटा दी है बल्कि सरकार द्वारा यह भी ऐलान किया जा चुका है कि 75 वर्ष या उससे अधिक वर्ष के लोगों को इनकम टैक्स देने की जरूरत नहीं है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते स्थिति से मुकाबला करने के लिए जो मोदी सरकार ने 27.1 लाख करो रुपए का आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया था उससे संरचनात्मक सुधारों को बढ़ावा मिला है।
निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू करने के लिए बजट में 64,180 करोड़ रुपए के परिव्यय की भी घोषणा की है। इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी कहा है कि यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के अतिरिक्त होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी जानकारी दी है कि भारत में फिलहाल कोरोना वायरस मुकाबला करने के लिए मार्केट में 2 टीके उपलब्ध है और अन्य 2 टीकों की पेशकश जल्द ही की जाएगी।
निर्मला सीतारमण ने बजट की पेशकश करते हुए कहा कि सरकार ने समाज के सबसे गरीब तबके के लिए और उनके लाभ के लिए अपने संस्थानों को बढ़ाया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि , बजट पेश होने से पहले उससे केंद्रीय कैबिनेट में मंजूरी मिली है जिसके बाद ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसे आम जनता के सामने पेश कर रही है।
वित्त मंत्री ने मोबाइल की खरीदी पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान भी किया है । मोबाइल उपकरणों की खरीदी पर अब कस्टम ड्यूटी 2.5 प्रतिशत लगा दी गई है। वहीं दूसरी ओर देखे तो तांबा , सोना , और चांदी पर कस्टम ड्यूटी को घटाया गया है। वित्त मंत्री ने आगे कहा है कि उन्होंने जीएसटी को सरल करने के लिए भी प्रयास किए हैं।
वित्त मंत्री ने टैक्सपेयर्स के लिए भी बड़ी राहत का ऐलान किया है। वित्त मंत्री का कहना है कि 75 साल के बुजुर्गों को जिनका इनकम का साधन केवल उनकी पेंशन होता है , अब इनकम टैक्स देने की जरूरत नहीं है। उन्होंने टैक्स एसेसमेंट की अवधि को घटाकर 6 साल से 3 साल कर दिया गया है। यह कदम टैक्स में सुधार के लिए काफी बड़ा माना जा रहा है।
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