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सुप्रीम कोर्ट में याचिका, नूंह में हिंदुओं के जबरन धर्मांतरण की एसआईटी से हो जांच

लनई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है जिसमें हरियाणा के नूंह जिले में हिंदुओं के कथित जबरन धर्मांतरण व हिंदुओं की महिलाओं के प्रति अपराध की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग की गई है।

वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा गुरुवार को दायर याचिका में दावा किया गया, ”बड़ी संख्या में हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण कर उन्हें मुस्लिम धर्म में शामिल किया जा चुका है। हिंदू महिलाओं और लड़कियों को अगवा कर उनके साथ दुष्कर्म किया जा चुका है। हिंदू महिलाएं बिल्कुल सुरक्षित नहीं हैं। बड़ी संख्या में मुस्लिमों ने अनुसूचित जाति पर भी अत्याचार किए हैं।”

याचिका में यह आरोप लगाया गया कि नूंह जिले में प्रभावशाली मुस्लिमों ने क्षेत्र के हिंदुओं को दबा रखा है। अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा दायर याचिका में हिंदुओं के मूल अधिकारों की रक्षा की मांग की गई है।

याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि नूंह में हिंदुओं के जीवन, निजी स्वतंत्रता और धार्मिक स्वतंत्रता को मुस्लिमों द्वारा दबाया जा रहा है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अगुआई में ऐसी एसआईटी गठित करने की मांग की गई है जिसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो व राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों को शामिल किया जाए।

याचिका में शीर्ष अदालत से मांग की गई कि एसआईटी को नूंह क्षेत्र में हिंदुओं के जबरन धर्मांतरण, उनकी संपत्तियों पर कब्जे, हिंदू महिलाओं व लड़कियों पर अत्याचार, सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण, मंदिरों, धार्मिक स्थानों व श्मशान स्थलों की स्थिति की जांच करनी चाहिए।

याचिका में कहा गया कि स्थानीय पुलिस अपनी शक्तियों का उपयोग करने में सफल नहीं रही है। याचिका में केंद्र को नूंह जिले में नागरिकों के जीवन और उनकी आजादी की सुरक्षा के लिए अर्द्धसैनिक बल तैनात करने का निर्देश देने की भी मांग की गई।

याचिका में आरोप लगाया गया कि तब्लीगी जमात के संरक्षण में मुस्लिमों ने धीरे-धीरे अपनी शक्ति बढ़ा ली है और अब स्थिति यह है कि हिंदुओं की संख्या घट रही है और यह संख्या पिछली जनगणना 2011 की 20 प्रतिशत से घटकर अब 10-11 प्रतिशत पर आ गई है।

याचिका में कहा गया, ”याचिका में कहा गया कि मेवात-नूंह में लगभग 431 गांव हैं। लगभग 103 गांव तो बिल्कुल हिंदू विहीन हो गए हैं। 82 गांवों में सिर्फ 4-5 हिंदू परिवार रह गए हैं।”

याचिका में कहा गया है कि प्रशासन को हिंदुओं को उनकी संपत्तियों पर बसाने तथा मंदिरों, पूजा स्थलों व श्मशान स्थलों को दोबारा स्थापित कराने के निर्देश दिए जाने चाहिए, जिनपर कब्जा कर लिया गया है।

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