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साहित्य स्पेशल : नदी बन बह जाया करो

बेसहारा का सहारा बन जाया करो
मुठी में रेत आती नहीं
नदी बन बह जाया करो।

मंजिल की तलाश कभी पूरी नहीं होती
कभी किसी के बिना जिन्दगी अधुरी नही होती।
वक़्त जीना सीखा देता है हर इन्सान को
जान दे देने से किसी शख़्स की कमी पूरी नही होती।

जुनून रखो जीतने का
हौसला रखो मंजिल को पाने का
बुजदिल होते हैं वो जो हार के रो जाते है
जिन्दगी नाम ही है खोने और पाने का।

सफलता मिल ही जाएगी
कोशिश जरुर करना
ठोकर भी जरूर लगेगी
पर उत्साह कम ना करना।

बेटा को सीखा दो संस्कार
बेटी को दो जी भर प्यार
बेटा तो जी लेगा कर के काम हजार
बेटी चलाती है घर परिवार
आंच जो आये बेटी पे तो मजबुत बनाओ जैसे लोहे का तार
आंख उठा के देख ना सके कोई ऐसा सिखाओ करने को वार।

रिश्ते हैं टूटते नहीं
बन्धन हैं छूटते नहीं
माफ कर दो
या माफी मांग लो
अपने हो या गैर रूठते नहीं
हाँ सच है कि जख्म बड़ा गहरा होता है
पर तकदीर पे समय का पहरा है
झुक के महान बन जाये तो अच्छा
झुका के किसी को महान बनते नहीं।

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