साहित्य स्पेशल : उम्मीद है हमें, हम जीत जाएंगे (कविता संग्रह)
खुशी झा
उम्मीद
उम्मीद है हमें हम जीत जायेंगें
सुख दुख की छावं में हम ढल जायेंगें
होगा वही जो तकदीर में लिखा है
पर ये भी सच है कि कोशिश किये बिना
हम कहां हार मान जायेंगें।
हालात
कोई दिल का बुरा नही होता उसके हालात बुरे होते हैं
ऐसी बातें बस किताबों में लिखे होते है,
दुसरे को दर्द देने के लिये लोग अपने उसूल भी तोड़ देते हैं,
ना रहा भरोसा अब किसी पे…. जाने दूनियाँ में ऐसे लोग क्यूँ होते हैं, जिसे चाहत की कद्र नही उससे क्या उम्मीद करना, जिसका कोई नही दुनिया में वो भी हालतों से लड़ के जीना सीख लेते हैं।
मां
क्या लिखूं मैं माँ तेरे बारे में,
खुशी मिलती है माँ तेरे संग मुस्कुराने में,
तु वो फूल है माँ जो खिलता नहीं हर बाग में,
हर दर्द की दवा है माँ तेरी पलकों की छांव में।
यकीन
हुँ बेकसूर ये साबित करुँ कैसे
चांद के दाग को मिटाऊ कैसे
हो यकीन तो करो भरोसा
दिल चीर के मैं दिखाऊं कैसे।
(लेखिका नवोदित कवियित्री हैं और पत्र-पत्रिकाओं के लिए लिखती रहती हैं।)