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सन्यास लेकर खुद को भाग्यशाली क्यों मान रहे शेन वाट्सन?

नई दिल्ली . 20 साल तक क्रिकेट के मैदान पर अपनी चमक बिखेरने के बाद शेन वाट्सन ने अब उस मैदान को अलविदा कह दिया है। हालांकि, वह सन्यास लेकर स्वयं को भाग्यशाली मान रहे हैं। आखिर ऐसा क्यों?

हर क्रिकेट खिलाड़ी के जीवन में ऐसा समय आता है, जब उसे उम्र का तकाज़ा देखते हुए क्रिकेट के मैदान को अलविदा कहना पड़ता है।

अपने ग्लव्स को आराम देने की घोषणा के बाद हरसन्यास लेकर खुद को भाग्यशाली क्यों मान रहे शेन वाट्सन? क्रिकेट खिलाड़ी के दिल में यहीं चाह होती है कि काश, वो अपनी टीम के लिए थोड़ा ओर खेल पाता, लेकिन वॉट्सन के मामले में ऐसा नहीं है। वह क्रिकेट जगत को अलविदा कहकर बेहद संतुष्ट हैं।

उल्लेखनीय है कि वॉट्सन ने 2016 में संन्यास ले लिया था, लेकिन इसके बाद उन्होंने टी-20 लीगों में खेलना जारी रखा था। हालांकि, अब उन्होंने पूर्ण रूप से क्रिकेट को अलविदा कह दिया है।

वॉट्सन ने कहा, “अब लगता है कि क्रिकेट को अलविदा कहने का सही समय है और अपनी खास टीम सीएसके के लिए खेलते हुए मैंने इस खेल से संन्यास लिया है।”

उन्होंने कहा, “39 साल की उम्र में मैं इस खेल को अलविदा कह रहा हूं और इस करियर के दौरान चोटों को झेलते हुए मैंने संन्यास लिया है। मैं ऐसे में बेहद भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं।”

अपने अब तक के करियर में आस्ट्रेलिया के लिए वॉट्सन ने 59 टेस्ट मैच, 190 एक-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच और 58 टी-20 मैच खेले हैं।

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