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विजय दिवस : जानिए क्यों 1971 के युद्ध में पाकिस्तानियों को भारतीय सेनाओं के सामने घुटने टेकने पड़े

विजय दिवस : जानिए क्यों 1971 के युद्ध में पाकिस्तानियों को भारतीय सेनाओं के सामने घुटने टेकने पड़े

विजय दिवस : जानिए क्यों 1971 के युद्ध में पाकिस्तानियों को भारतीय सेनाओं के सामने घुटने टेकने पड़े

16 दिसंबर 1971 इतिहास की वह तारीख जब भारत के सामने पाकिस्तान को घुटने टेकने पड़े। यही वह तारीख है जब पाकिस्तान को अपना आधा देश गंवाना पड़ा और बांग्लादेश के रूप में एक नए देश का जन्म हुआ। इसी दिन को लगभग 49 सालों से विजय दिवस के नाम से मनाया जाता है।

विजय दिवस

 

विजय दिवस का इतिहास
3 दिसंबर 1971 से शुरू हुआ भारत और पाकिस्तान के बीच घमासान युद्ध जो लगभग 13 दिनों तक चलता रहा और अंत में 16 दिसंबर 1971 को इस युद्ध की समाप्ति हुई। पाकिस्तान के सेना अध्यक्ष आमिर अब्दुल्ला नेे भारतीय सेना और मुक्ति वाहिनी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया जो भारत के पूर्व में बांग्लादेश नामक एक राज्य का निर्माण कार्य के लिए अग्रणी था। तब जनरल नियाजी ने अपने 93000 पाकिस्तानी सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया और इसी दिन बांग्लादेश को आजादी प्राप्त हुई । तब से ही 16 दिसंबर को बांग्लादेश स्वतंत्रता दिवस यानी विजय दिवस के रूप में मनाता है

विजय दिवस का महत्व
16 दिसंबर यानी विजय दिवस के दिन भारत और बांग्लादेश के बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। जिन्होंने अपना जीवन कर्तव्य की सीमा में लगाया और देश को आजाद करने में भागीदार बने। पूर्वी पाकिस्तान में मुक्ति युद्ध की शुरुआत पाकिस्तान द्वारा बंगाली भाषा और बंगाली आबादी के साथ दुर्व्यवहार करने तथा क्षेत्र में चुनाव परिणाम को कम करने की बात की गई थी। पश्चिमी पाकिस्तान चुनाव परिणाम को लेकर बिल्कुल खुश नहीं था और इसी वजह से इस बात पर विरोध चल रहा था। हालाकि उस समय भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश में मुक्ति युद्ध के लिए पुर्व पकिस्तान का पूर्ण समर्थन व्यक्त किया था।

प्रवासी नगरिक

खबरो को मानो तो, विजय दिवस से पहले पाकिस्तान की सेना द्वारा बंगाली और हिंदू के नरसंहार की खबरें मिल रही थी। युद्ध के दौरान कम से कम 10 मिनट लोग भारत की ओर पाकिस्तान से पलायन करने के लिए मजबूर हो गए थे क्योंकि धीरे-धीरे पाकिस्तानी सेना जनता के ऊपर उठाने शुरू कर दिए थे हत्या और बलकार ओके मामले दिन प्रतिदिन पढ़ते जा रहे थे जिस वजह से भारत में दिन प्रतिदिन शरणार्थी संकट बढ़ने लग गया था।

विजय दिवस

विजय दिवस पाकिस्तान पर भारत की जीत के 49 वर्ष पूरे करने की खुशी में मनाता है इस दिन सरकार स्वर्णिम विजय वर्षा आयोजित करते हैं जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी अपनी उपस्थिति देते हैं यह कार्यक्रम प्रतिवर्ष नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में आयोजित किया जाता है।

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