राम जन्मभूमि के बाद अब कृष्ण जन्मभूमि से ईदगाह हटाने की मांग
सागर चौहान
नई दिल्ली। रामजन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ही इस बात की चर्चा जोड़ पकड़ने लगी थी कि अब कृष्णजन्म भूमि के विवाद का भी निपटारा होना चाहिए, इसी कड़ी में मथुरा में एक मामला दर्ज किया गया है और कोर्ट कृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामले की सुनवाई को कोर्ट तैयार हो गया है। मथुरा की एक अदालत हिंदू समूह की याचिका पर 30 सितंबर को सुनवाई करेगी। याचिका में मंदिर (Krishna Janmabhoomi Case) के पास बनी ईदगाह को हटाने की मांग की गई है|

अयोध्या राम जन्मभूमि के बाद अब कृष्ण जन्मभूमि के मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है। शुक्रवार को ‘श्री कृष्ण विराजमान’ ने मथुरा कोर्ट में सिविल मुकदमा दायर कर दिया, और 13.37 एकड़ जमीन कृष्ण जन्म भूमि का स्वामित्व माँगा गया है | साथ ही शाही ईदगाह मस्जिद हटाने की मांग उठाई गई है।
श्री कृष्ण जन्म भूमि मथुरा का एक प्रमुख स्थान है और सभी कृष्ण अनुयायी ना केवल रास्ट्रीय स्तर बल्कि पूरी दुनिया में जनपद मथुरा को ही श्री कृष्ण का जन्मस्थल मानते है और इससे ही यहां विवाद पैदा हो जाता है क्यूंकि जन्मभूमि से सटी हुई जामा मस्जिद मुस्लिमों के लिए बेहद महत्व रखती है और हिन्दू- मुस्लिम दोनों पक्षो में तनाव हमेशा बना रहता है|
इसके चलते ही कुछ दिन पहले हिन्दू आर्मी चीफ मनीष यादव ने सोशल मीडिया पर अपने कार्यकर्ताओं से बिना अनुमति के कृष्ण जन्मभूमि के दर्शन करने की अपील की और इसी के साथ कृष्ण जन्मभूमि आंदोलन की शुरुआत कर दी गई। तनाव को देखते हुए वहाँ के एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर ने कृष्ण जन्मभूमि की सुरक्षा कई गुना ज्यादा कर दी और हिन्दू आर्मी चीफ मनीष यादव समेत 22 अन्य लोगो को गिरफ्तार किया गया।
जिसके बाद अब रंजना अग्निहोत्री और अन्य 6 भक्तों ने शाही मस्जिद और ईदगाह के खिलाफ याचिका दायर की, दायर याचिका ‘भगवान श्रीकृष्ण विराजमान’ के नाम से दी गई है|
कृष्ण जन्मभूमि और उसका इतिहास किसी से छुपा नहीं है कई बड़े इतिहासकारों और हिन्दू पुराणों में कहा है की वहाँ लगभग पाँच हज़ार साल पहले मल्लपुरा क्षेत्र के कटरा केशव देव में राजा कंस की जेल थी, जहां आधी रात को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था फिर मुग़ल राजा ओरंगजेब ने वहां मौजूद केशवनाथ मन्दिर को ध्वस्त कर मस्जिद बनवाई थी|