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भारत विश्व को दिखायेगा ब्रह्योस मिसाइल की ताकत

नई दिल्ली। चीन से जारी तनाव के बीच भारत इस महीने के अंत तक ब्रह्योस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का परीक्षण करेगा। नवंबर के आखिरी सप्ताह में तीनों सशस्त्र सेनाएं हिंद महासागर क्षेत्र में स्वदेशी मिसाइलों को लांच करेंगी।

सरकारी सूत्रों के अनुसार भारत की थल सेना, वायु सेना और नौ सेना अपनी ताकत को आजमाने के लिए ब्रह्योस मिसाइलों के कई परीक्षण करेंगी, जिनका मकसद हिंद महासागर में कई लक्ष्यों को भेदना होगा। ब्रह्योस के इन परीक्षणों से मिसाइल प्रणाली के प्रदर्शन में और सुधार आयेगा और यह सांकेतिक रूप से पड़ोसी देशों को हद में रहने की चेतावनी का भी काम करेगा।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डी आर डी ओ) की विकसित ब्रह्योस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का रेंज हाल ही में 298 किलोमीटर से बढ़ाकर 450 किलोमीटर किया गया है। कम दूरी की रैमजेट सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल विश्व में अपनी श्रेणी में सबसे तेज गति वाली है।

इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है। यह रूस की पी- 800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की तकनीक पर आधारित है। ब्रह्योस के समुद्री और थल संस्करण का पहले ही सफलता पूर्वक परीक्षण किया जा चुका है । यह भारतीय सेना, वायु सेना और नौ सेना को सौंपा जा चुका है। इसने भारत को मिसाइल तकनीक में अग्रणी देश बना दिया है।

भारत अब इस सुपरसोनिक मिसाइल के निर्यात के लिये भी बाजार तैयार करने के लिये कटिबद्ध है। पिछले दो महीने में डीआरडीओ नई और मौजूदा मिसाइल प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। हाल ही में डीआरडीओ ने शौर्य मिसाइल प्रणाली को भी विकसित किया है जिसकी मारक क्षमता 800 किलोमीटर तक है। यह तकनीक हाइपरसोनिक मिसाइल प्रणाली पर आधारित है।

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