भारत को बढ़ते प्रभाव के साथ ज्यादा सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा : नरवणे
नई दिल्ली। थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने कहा कि भारत के बढ़ते प्रभाव के साथ ही उसे ज्यादा सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
सेना उद्योग साझेदारी पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि” एशिया में खास तौर दक्षिण एशिया में भारत के बढ़ते कद और प्रभाव के साथ ही उसे अधिक सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना होगा। भारत अब दक्षिण एशिया में उभरती हुई क्षेत्रीय वैश्विक शक्ति है। जैसे जैसे इस क्षेत्र में भारत का कद और प्रभाव बढ़ेगा, हमें तेजी से ज्यादा सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना होगा।”
जनरल नरवणे ने कहा कि” सामरिक प्रभाव और कार्रवाई करने की आज़ादी बनाये रखने के लिये देश को अपनी स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाना होगा। हथियारों पर विदेशी निर्भरता संकट के समय कमजोरी साबित होती है। अनसुलझी सीमायें और अतीत में हमारे दुश्मनों के साथ
युद्धों ने पारंपरिक युद्ध नहीं होने के मिथक को चुनौती दी है। आशंका है कि छद्म युद्ध , वामपंथी चरमपंथ और उग्रवाद अभी सेना को उलझाए रखेंगे।”
देश की अनसुलझी उत्तरी सीमाओं पर बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिये आधुनिकीकरण के जरिये लगातार और ठोस क्षमता निर्माण राष्ट्रीय बाध्यता है।
सेना प्रमुख ने कहा कि भारत अपने दुश्मनों द्वारा रक्षा क्षेत्र में तेजी से किये जा रहे आधुनिकीकरण के मुकाबले कुछ पिछड़ रहा था, लिहाजा उन्होंने स्वदेशी उद्योगों से आह्वान किया कि देश की समग्र सैन्य क्षमताओं में बढ़ोतरी के लिये वे अनुसंधान ओर विकास में निवेश करें।
उन्होंने कहा कि हम स्वदेशी उपकरण और हथियार प्रणालियां खरीदने के लिये प्रतिबद्ध हैं क्योंकि सेना के लिये स्वदेशी तकनीक और हथियार से युद्ध लड़ने और जीतने से ज्यादा कुछ भो प्रेरणादायी नहीं हो सकता।
भारत को बढ़ते प्रभाव के साथ ज्यादा सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा- नरवणे