भारत अब दुनिया के देशों को अपने आधुनिक आकाश मिसाइल बेचेगा
नई दिल्ली। अपनी रक्षा जरूरतों की दूसरे बड़े देशों से आपूर्ति करता रहा भारत अब दुनिया के देशों को अपने आधुनिक आकाश मिसाइल बेचेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल को विश्व के अन्य देशों को बेचने संबंधी मामले पर फैसला लिया गया। इसी के साथ रक्षा निर्यात का आकार बढ़ाने और इसे गति देने के लिये कैबिनेट ने एक समिति के गठन को भी मंजूरी दी है।
रक्षा जरूरतों के मामले में अधिकांश आयात पर निर्भर भारत का वैश्विक रक्षा बाजार में निर्यात बेहद मामूली है। ऐसे में आकाश के निर्यात से रक्षा निर्यातक बाजार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ेगी। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करने के लिये सरकार बड़े आकार के रक्षा निर्यात पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
सरकार का लक्ष्य निकट भविष्य में देश के रक्षा निर्यात को सालाना पांच अरब डॉलर तक ले जाने का है। कैबिनेट ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये जिस समिति का गठन किया है , उसकी प्रमुख जिम्मेदारी तमाम देशों को बड़े रक्षा निर्यात के लिये प्रक्रियाओं को गति देने के साथ साथ सरकारों के स्तर पर रक्षा निर्यात की संभावनाओं की तलाश करना है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आकाश मिसाइल समेत दूसरे रक्षा उपकरणों के निर्माण की प्रक्रिया को बीते दिनों में काफी गति दी गई है। आकाश मिसाइल के निर्यात का फैसला इसी कड़ी का हिस्सा है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार रक्षा अनुसंधान विकास संगठन ( डीआरडीओ ) की ओर से विकसित आकाश मिसाइल की 96 फीसदी तकनीक और विकास स्वदेशी है। दुनिया भर की कई रक्षा प्रदर्शनी में आकाश मिसाइल को लेकर कई देशों ने अपनी रूचि दिखाई है। इसके तहत ही कैबिनेट ने आकाश मिसाइल के निर्यात के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
गौरतलब है कि सतह से हवा में 25 किलोमीटर दूरी तक मार करने वाले आकाश मिसाइल को भारतीय वायुसेना में वर्ष 2014 में शामिल किया गया था। वहीँ सेना ने भी वर्ष 2015 में इस मिसाइल को अपने हथियारों के बेड़े में शामिल किया था, हालांकि भारत दूसरे देशों को जो आकाश मिसाइल बेचेगा वह भारतीय सेना में शामिल इसके वर्जन से अलग होगा। कैबिनेट ने निर्यात को हरी झंडी दिखाते हुए यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भारत आकाश मिसाइल केवल उन्हीं देशों को बेचेगा जिनसे उसके अच्छे या मैत्रीपूर्ण संबंध हैं।