भाजपा की उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे हरियाणा निकाय चुनाव के परिणाम
भाजपा की उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे हरियाणा निकाय चुनाव के परिणाम
31 दिसंबर, नई दिल्ली। हरियाणा के तीन नगर निगमों व एक नगर परिषद समेत कुल सात शहरी निकाय चुनावों के नतीजे प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)- जननायक जनता पार्टी (जजपा) की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे।भाजपा की उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे हरियाणा निकाय चुनाव के परिणाम
सोनीपत नगर निगम की सीट भाजपा से कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के उम्मीदवार ने छीन ली वहीं अंबाला भी भाजपा के हाथ से फिसल गई। पंचकूला सीट पर जरूर भाजपा उम्मीदवार कुलभूषण गोयल जीत गए। अंबाला में पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की हरियाणा जनशक्ति पार्टी (एचजेपी) से उनकी पत्नी रानी शर्मा ने जीत दर्ज की। रेवाड़ी नगर परिषद से भाजपा की पूनम यादव ने जीत दर्ज की।
इससे पहले सोनीपत के बरोदा विधानसभा में हुए उप चुनाव में भी भाजपा-जजपा के संयुक्त उम्मीदवार पहलवान योगेश्वर दत्त को कांग्रेस के इंदुराज नरवाल ने हरा दिया था।
अभी देशभर की सुर्खियों का केंद्र बने किसान आंदोलन का मध्य बिंदु सोनीपत का सिंघु बार्डर है, जहां पंजाब व हरियाणा के किसान डटे हुए हैं। ये किसान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि सुधार कानूनों का विरोध करते हुए उन्हें रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
निकाय चुनावों के नतीजों को देखते हुए कहा जा सकता है कि इन चुनावों पर आंदोलन की आंच पड़ने लगी है।
इस बीच तीनों नगर निगमों में भाजपा के हिस्से सिर्फ पंचकूला आया। रेवाड़ी नगर परिषद में कमल खिल गया लेकिन धारूहेड़ा, उकलाना और सांपला में निर्दलीय उम्मीदवारों ने गठबंधन को हराया।
राज्य में फरवरी में होने वाले पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव के लिए सभी दलों, खासकर भाजपा को मंथन करने की जरूरत है क्योंकि किसान आंदोलन के जुड़े ज्यादातर लोग ग्रामीण क्षेत्रों से हैं। भाजपा कोशिश करेगी कि किसान आंदोलन के मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाकर अपनी छवि का नुकसान होने से बचा सके, जिससे उसे फिर से नुकसान ना उठाना पड़े