‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ अभियान ने लोगों को जागरुक किया है : जॉनसन
नई दिल्ली। चार बार ओलंपिक चैम्पियन रह चुके पूर्व अमेरिकी एथलीट माइकल जॉनसन का कहना है कि अमेरिका में नस्लभेद के खिलाफ उठी आवाज को बुलंद होने में समय लगेगा। बीबीसी को दिए एक बयान में जॉनसन ने कहा कि ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ अभियान ने लोगों को जागरुक किया है।
उल्लेखनीय है कि पुलिस के हाथों में मारे गए अश्वेत अमेरिकी नागरिकों की हत्या के बाद से अमेरिका में यह अभियान व्यापक रूप से शुरू हो गया है।
क्यों शुरू हुआ ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ ?
‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ (बीएलएम) अभियान एक विकेंद्रीकृत राजनीतिक और सामाजिक आंदोलन है, जो अश्वेत लोगों पर पुलिस द्वारा की गई बर्बरता के खिलाफ शुरू हुआ है। यह इन लोगों के साथ किए गए हिंसक अपराधों के अहिंसक सविनय अवज्ञा की वकालत करता है।
25 मई, 2020 को एक 46 वर्षीय अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्ल्योएड की मिनिसोटा में पुलिस अधिकारियों द्वारा निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। उन्हें एक जाली बिल के उपयोग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने उनकी गर्दन पर काफी समय तक अपना पांव रखा हुआ था। इस दौरान, जॉर्ज चिल्ला रहे थे कि उनसे सांस नहीं ली जा रही है और वह अपनी मां को भी पुकार रहे थे। यह घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई और इस हत्या ने वैश्विक रूप से अश्वेत आंदोलन का रूप ले लिया।
इस अभियान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए 53 वर्षीय पूर्व धावक जैकसन ने कहा, “हम विकास देख रहे हैं। हालांकि, यह विकास अब पीढ़ियों की एक लड़ाई बनती जा रही है। 2020 में उठा यह अभियान बस एक शुरुआत है।”
उन्होंने कहा, “नस्लभेद की यह प्रथा सदियों से चली आ रही है। ऐसे में इसके खिलाफ पिछले 4-5 माह में हमने जो विरोध देखा है, वो बस एक शुरुआत है। इस विरोध ने लोगों के भीतर जागरुकता फैलाने में एक अहम भूमिका निभाई है। हालांकि, इस विरोध से बदलाव तुरंत नहीं आएगा। इसमें समय लगेगा।”
इस विरोध ने अमेरिका में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में एक बहस छेड़ दी है। इस घटना के बाद, पूरे यूरोप में कई विरोध प्रदर्शन देखे गए। इसके अलावा, कई मैचों में खिलाड़ियों ने भी विभिन्न तरीकों से इस विरोध प्रदर्शन पर अपना समर्थन जताया।