पृथ्वी पर पारखी निगाह रखेगा इसरो और नासा का निसार सैटेलाइट
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन( इसरो) और अमेरिकी स्पेस एजेंसी (नासा) वर्ष 2022 में एक ऐसा सैटेलाइट लांच करने जा रहा है, जो पूरी दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचायेगा।
इस सैटेलाइट का नाम निसार ( नासा- इसरो सिंथेटिक एपर्चर राडार) रखा गया है। इस सैटेलाइट को दोनों ऐजेंसी मिलकर वर्ष 2022 में लांच करेगी।
एक रिपोर्ट के अनुसार इस सैटेलाइट की मदद से पृथ्वी की प्राकृतिक सरंचनाओं को समझने और प्राकृतिक आपदा का पता लगाया जायेगा। इसके जरिये विभिन्न प्रक्रियाओं का पता लगाकर निदान संभव किया जा सकेगा। यह दुनिया की सबसे महंगी अर्थ इमैजिंग सैटेलाइट होगी।
यह सैटेलाइट रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट होगी।, जो पृथ्वी की प्राकृतिक सरंचनाओं और उनकी प्रकृति को समझने में सहायक साबित होगी। इससे पहले के मुकाबले अधिक हाई रेजोल्यूशन वाली तस्वीरें हासिल की जा सकेगी, जिनसे पृथ्वी के ऊपर मौजूद बर्फ के अनुपात के बारे में सही जानकारी प्राप्त हो सकेगी। दुनिया की ये पहली ऐसी राडार इमैजिंग सैटेलाइट होगी जो एक ही साथ दो फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करेगी।
इस सैटेलाइट का एक खास बात यह है कि इसको धरती की पारिस्थितिकी तंत्र की गड़बड़ी, बर्फ की परत के ढहने, भूकंप, सूनामी, ज्वालामुखी और भूस्खलन जैसे प्राकृतिक आपदाओं सहित इस ग्रह की कुछ सबसे जटिल प्राकृतिक प्रक्रियाओं को समझने और मापने के लिये तैयार किया गया है। इसमें एल और एस दो प्रकार के बैंड होंगे। ये दोनों धरती पर पेड़ पौधों की घटती बढ़ती संख्या पर नजर रखेंगे, साथ ही प्रकाश की कमी और अधिक होने के असर का अध्ययन करेंगे। यह 240 किलोमीटर तक के क्षेत्रफल की साफ तस्वीरें ले सकेगा।
गौरतलब है कि इस संयुक्त मिशन के लिए दोनों देशों के बीच वर्ष 2014 में समझौता किया गया था। इस समझौते के तहत नासा एल बैंड सिन्थेटिक एपर्चर राडार, जीपीएस रिसीवर, सॉलिड स्टेट रिकॉर्डर और पेलोड डाटा सब सिस्टम उपलब्ध कराएगा , वहीं इसरो एस बैंड सिंथेटिक एपर्चर राडार, लांच व्हीकल और इससे जुड़ी सेवा उपलब्ध कराएगा। इस परियोजना की संभावित लागत लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपये आंकी गई है।