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नहीं रहे महान धावक मिल्खा सिंह, 91 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

Legendary sprinter Milkha Singh is no more, breathed his last at the age of 91Legendary sprinter

भारत के महान धावक और फ्लाइंग सिख के नाम से दुनियाभर में मशहूर मिल्खा सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं. शुक्रवार देर रात मिल्खा सिंह का निधन हो गया. वह 91 साल के थे और कोविड-19 के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई के बाद विजेता के रूप में सामने आए थे. बुधवार को उनका कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया था. वह 3 जून को अस्पताल में भर्ती थे. उन्होंने चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर अस्पताल शुक्रवार रात अंतिम सांस ली. मिल्खा सिंह के निधन से उनके परिवार के साथ देश में उनके चाहने वालों में भी शोक की लहर दौड़ पड़ी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर दुख जताया है.

Miljha Singh
Image source- google

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिल्खा सिंह के निधन के बाद ट्वीट कर कहा, ‘मिल्खा सिंह जी के निधन से हमने एक महान खिलाड़ी खो दिया, जिसने देश की कल्पना पर कब्जा कर लिया और अनगिनत भारतीयों के दिलों में एक विशेष स्थान बना लिया. उनके प्रेरक व्यक्तित्व ने खुद को लाखों लोगों का प्रिय बना दिया. उनके निधन से आहत हूं.’

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे लिखा, ‘अभी कुछ दिन पहले ही मेरी मिल्खा सिंह जी से बात हुई थी. मुझे नहीं पता था कि यह हमारी आखिरी बातचीत होगी. कई नवोदित एथलीट उनकी जीवन यात्रा से ताकत हासिल करेंगे. उनके परिवार और दुनिया भर में कई प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं.’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मिल्खा सिंह के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘भारत महान धावक श्री मिल्खा सिंह जी, द फ्लाइंग सिख के दुखद निधन पर शोक व्यक्त करता है. उन्होंने विश्व एथलेटिक्स पर एक अमिट छाप छोड़ी है. राष्ट्र उन्हें हमेशा भारतीय खेलों के सबसे चमकीले सितारों में से एक के रूप में याद रखेगा. उनके परिवार और अनगिनत अनुयायियों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है.’

वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट में लिखा, ‘मिल्खा सिंह जी के निधन की खबर सुनकर व्यथित और दुखी हूं. यह एक युग के अंत का प्रतीक है और आज भारत और पंजाब गरीब हैं. शोक संतप्त परिवार और लाखों प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं. फ्लाइंग सिख की कथा आने वाली पीढ़ियों के लिए गूंजेगी.’

उल्लेखनीय है कि मिल्खा सिंह ने एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता में चार बार स्वर्ण पदक जीता है और 1958 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता था. हालांकि, 91 वर्षीय को 1960 के रोम ओलंपिक के 400 मीटर फाइनल में उनकी एपिक रेस के लिए याद किया जाता है. उन्होंने 1956 और 1964 के ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है और उन्हें 1959 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. आपको बता दें कि बीते 13 जून को ही मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल कौर का कोरोना के कारण निधन हो गया था. मिल्खा सिंह के परिवार में तीन बेटियां डॉ मोना सिंह, अलीजा ग्रोवर, सोनिया सांवल्का और बेटा जीव मिल्खा सिंह हैं. गोल्फर जीव, जो 14 बार के अंतरराष्ट्रीय विजेता हैं, भी अपने पिता की तरह पद्म श्री पुरस्कार विजेता हैं.

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