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नसरुद्दीन शाह ने लव जिहाद को बताया तमाशा

नसरुद्दीन शाह की लव जिहाद को बताया तमाशा

नसरुद्दीन शाह की लव जिहाद को बताया तमाशा ।बॉलीवुड इंडस्ट्री के बेहतरीन कलाकार और बेबाक बयानी के लिए दुनिया भर में मशहूर एक्टर नसरुद्दीन शाह राजनीतिक और सामाजिक दोनों ही मुद्दे में बेहद खुलकर बोलते हैं और इसी वजह से नसीरुद्दीन शाह को कई बार आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ जाता है। इस बार उन्होंने लव जिहाद के मामले पर अपना बयान दिया, कहा कि लव जिहाद बिल्कुल गलत है। जिसके लिए नसीरुद्दीन शाह ने अपने साथ रत्ना पाठक के शादी का एक उदाहरण देते हुए कहा।

बताया लव जेहाद है एक तमाशा

नसरुद्दीन शाह ने लव जिहाद को तमाशा बताते हुए कहा कि यह काफी चिंताजनक बात है। इस बात से हिंदू और मुसलमानों के बीच नफरत फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा मुझे इस बात से बहुत ही गुस्सा आता है,कि किस तरह लोगों को बांटा जा रहा है। जैसे उत्तर प्रदेश में लव जिहाद का तमाशा हुआ था। सबसे पहली बात तो यह है, कि जिन लोगों ने इस शब्द को बनाया है, उन्हें शायद जिहाद शब्द का मतलब सही से पता नहीं है। मुझे सही में समझ नहीं आता, कि कोई इतना मूर्ख कैसे हो सकता है? कैसे यह सोच लेता है कि भारत में मुस्लिमों की जनसंख्या हिंदू से ज्यादा हो जाएगी।

हमने अपने बच्चों को दी है हर धर्म की जानकारी

पिछले कई समय से हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे बीजेपी शासित राज्यों में लव जिहाद को लेकर कई कानून बनाए गए हैं। इस बात पर नसरुद्दीन का कहना है, कि लव जिहाद जैसे शब्द अंत धार्मिक विवाह को निराश करने और हिंदू व मुस्लिम के बीच सामाजिक दूरी बनाने के लिए इन कानूनों को बनाया गया है। उन्होंने अपने शादी का एक उदाहरण देते हुए कहा, कि हमने अपने बच्चों को सभी धर्म की जानकारी दी है। लेकिन हमने उनसे कभी यह नहीं कहा कि उनका किसी भी किसी खास धर्म से कोई संबंध है। मुझे हमेशा यही लगता है, कि यह सब धीरे-धीरे समय के साथ खत्म होता जाएगा। मुझे भरोसा है, कि एक हिंदू महिला से मेरी शादी एक बहुत अच्छी मिसाल है। मुझे इस बात पर कुछ गलत नहीं लगता है।

किसी भी धर्म को बदलवाना गलत है

नसरुद्दीन शाह अपनी शादी को याद करते हुए बताते हैं, कि उन्होंने अपनी मां से साफ इनकार किया था, कि रत्ना पाठक शादी के बाद अपने ही धर्म में रहेगी। उसका धर्म नहीं बदला जाएगा। मेरी मां बिना पढ़ी लिखी थी और एक रूढ़िवादी परिवार में पली-बढ़ी थी। दिन में 5 बार नमाज पढ़ती थी और पूरी जिंदगी उन्होंने रोजे रखे और हज के लिए भी गई। उन्होंने कहा था, जो बातें हमने बचपन में तुम्हें सिखाई वह कैसे बदल गई। किसी का धर्म परिवर्तन करना बिल्कुल गलत है।

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