दिल के दुश्मन हैं मोटापा और धूम्रपान
नई दिल्ली। आपकी उम्र कम हो या अधिक दिल को दुरुस्त रखने की जरूरत है क्योंकि इसकी धड़कन से ही जिंदगी की गाड़ी चलती है। कई बार दिल इस तरह से धोखा देता है कि हम कुछ नहीं कर पाते और मिनटों में सबकुछ खत्म हो जाता है।
दिल का सबसे बड़ा दुश्मन धूम्रपान है। धूम्रपान और तंबाकू का अन्य तरीके से सेवन करने वालों को दिल की बीमारी होने का खतरा अन्य लोगों के मुकाबले कई गुणा अधिक रहता है। इसके अलावा मोटापा दिल का परोक्ष रूप से दुश्मन है। मोटे लोगों को दिल की बीमारी होने का खतरा अन्य लोगों के मुकाबले तीन से चार गुणा अधिक रहता है। मधुमेह और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां भी इन्हें घेर लेती है, जो दिल को नुकसान पहुंचाती है।
खानपान में बदलाव और अनियमित दिनचर्या के कारण अब युवाओं में भी दिल की बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं। तीस से पचास की उम्र के लोगों में दिल की बीमारी के कारण दौरा पड़ने की संभावना काफी बढ़ गई है। ऐसे में युवाओं को यह गलतफहमी नहीं रखनी चाहिए कि यह बुज़ुर्गों की बीमारी है। उन्हें अपने खानपान में संतुलित भोजन लेना चाहिए और उन चीजों से परहेज करना चाहिए जो दिल के लिए खतरनाक है।
सीने में अति बैचैनी, दबाव, दर्द, जकड़न और भारीपन महसूस होना दिल के दौरा पड़ने के लक्षण हैं। कभी कभी सांस फूलने लगती है। मधुमेह के मरीजों में कई बार दर्द नहीं होता, लेकिन सांस फूलती है। एसिडिटी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। जी मिचलाने लगता है। शरीर ठंडा हो जाता है और पसीना भी आता है।
दिल को दुरुस्त रखने के लिए नियमित व्यायाम करना आवश्यक है। इससे शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है, जिससे दिल की धमनियों में खराब कोलेस्ट्रॉल जमा नहीं हो पाता। जितना हो सके प्राकृतिक आहार लें। बाज़ार की चीज़ें खाने से परहेज करें। हर दिन 45 मिनट तेज गति से टहलना , सायकिल चलाना और नृत्य करना भी दिल की सेहत के लिए फायदेमंद है। धूम्रपान और शराब के सेवन से बचना चाहिए।
कोरोना संक्रमण काल में दिल के मरीजों को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। दिल के पुराने मरीज आजकल कोरोना के डर से इलाज के लिए नहीं पहुंच पा रहे हैं, लेकिन उन्हें चाहिए कि अगर इस तरह की कोई समस्या है तो कतई अनदेखी न करें।