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तेंदुओं की संख्या में हुई बढ़ोतरी तो प्रधानमंत्री मोदी हो गए खुश

तेंदुओं की संख्या में हुई बढ़ोतरी तो प्रधानमंत्री मोदी हो गए खुश

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में तेंदुओं की संख्या में बढ़ोतरी पर खुशी जताते हुए कहा कि हर व्यक्ति के अंदर जीवों के प्रति दया, करूणा और सवेंदनशीलता होनी चाहिये।

मोदी ने आज ‘ मन की बात’ कार्यक्रम के संबोधन में कहा कि भारत में तेंदुओं की संख्या में वर्ष 2014 से वर्ष 2018 के बीच 60 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुयी है। वर्ष 2014 में देश में तेंदुओं की संख्या लगभग 7,900 थी , वहीं अब इनकी संख्या बढ़कर कुल 12,852 हो गई है।

मोदी ने कहा कि ये वही तेंदुए हैं , जिनके बारे में जिम कार्बेट ने कहा था कि जिन लोगों ने तेंदुओं को उनके प्राकृतिक आवास में स्वछंद तरीके से घूमते हुए नहीं देखा, वो उसकी खूबसूरती की कल्पना ही नहीं कर सकते। उसके रंगों की सुंदरता और उसकी चाल की मोहकता का अंदाजा ही नहीं लगा सकते। उन्होंने कहा कि देश के अधिकतर राज्यों में तेंदुओं की संख्या में वृद्धि हुई है, खास तौर पर मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में तेंदुओं की संख्या में इजाफा हुआ है। यह एक बड़ी उपलब्धि है।

प्रधानमंत्री ने कहा ” तेंदुए , पूरी दुनिया में सालों से खतरों के सामना करते आ रहे हैं। ऐसे समय में भारत ने तेंदुए की आबादी में लगातार वृद्धि कर पूरे विश्व को एक रास्ता दिखाया है। देश में शेरों की आबादी में वृद्धि हुई है, बाघों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही वन क्षेत्र में भी इजाफा हुआ है। इसका कारण यह है कि सरकार ही नहीं बल्कि बहुत से लोग , और नागरिक संस्था हमारे पेड़ पौधों और वन्य जीवों के सरंक्षण में लगी हुई है। वे सब बधाई के पात्र हैं।”

प्रधानमंत्री ने हर व्यक्ति के अंदर जीवों के प्रति करूणा भाव की जरूरत पर बल देते हुए तमिलनाडु के कोयम्बटूर की ‘ गायत्री’ नामक एक युवती का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा” मैंने कोयम्बटूर की बेटी गायत्री के एक हृदयस्पर्शी प्रयास के बारे में पढ़ा , जिसने अपने पिताजी के साथ एक पीड़ित कुत्ते के लिये व्हीलचेयर बना दी । ये संवेदनशीलता प्रेरणा देने वाली है। ये तभी हो सकता है जब व्यक्ति हर जीव के प्रति दया और करुणा से भरा हुआ हो।”

उन्होंने कहा कि दिल्ली और देश के विभिन्न शहरों में ठिठुरती ठण्ड के बीच बेघर जानवरों की देखभाल के लिये कई लोग बहुत कुछ कर रहे हैं। वे उन जानवरों के खाने पीने ओर उनके लिये स्वेटर और बिस्तर तक का इंतज़ाम करते हैं। कुछ लोग तो ऐसे हैं, जो रोजाना सैकड़ों की संख्या की संख्या में ऐसे जानवरों के लिये भोजन का इंतजाम करते हैं। ऐसे प्रयासों की सराहना की जानी चाहिये।

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