ट्रम्प की बड़ी कामयाबी , इजरायल का UAE, बहरीन से समझौता करा दिया
नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। उन्होंने मध्यस्थता कर UAE, बहरीन का इजरायल के साथ ऐतिहासिक समझौता करवा दिया है। ट्रम्प अब आगामी चुनाव में इसको बखूबी भुना पाएंगे। देश कोरोना से बेहाल है और हाल ही में अश्वेतों के खिलाफ हमलों ने ट्रम्प प्रशासन की नींद उड़ा दी थी, ऐसे में यह समझौता ट्रम्प के लिए एक संजीवनी बूटी की तरह है। साथ ही वह नोबल पीस प्राइस के लिए भी नामित हैं, तो यह समझौता उन्हें इसका मज़बूत दावेदार भी बनाता है।

व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अध्यक्षता में हुए खास समारोह में इजरायल ने राजनयिक संबंध सामान्य करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और बहरीन के साथ शांति समझौता(अब्राहम समझौता) पर हस्ताक्षर किए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्लाह बिन जैयद अल-नहयान और बहरीन के विदेशी मंत्री अब्दुलातीफ बिन रशीद अल जयानी समझौते के दौरान मौजूद थे।
इस समझौते पर हस्ताक्षर होने के साथ ही यूएई और बहरीन तीसरे और चौथे देश बन गए, जिनका इजरायल के साथ राजनयिक संबंध है। इससे पहले मिस्र और जॉर्डन ने इजरायल के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
ट्रम्प ने समझौते पर दस्तख़त का एक वीडियो शेयर किया और कहा, “दशकों के विभाजन और संघर्ष के बाद आज हमने एक नए मिडिल ईस्ट की शुरुआत की है। इज़रायल, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के लोगों को बधाई। ईश्वर आप सबका भला करे!”
After decades of division and conflict, we mark the dawn of a new Middle East. Congratulations to the people of Israel, the people of the United Arab Emirates, and the people of the Kingdom of Bahrain. God Bless You All! pic.twitter.com/gpeqFDtr0S
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) September 15, 2020
डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कार्यक्रम में कहा, “आज दोपहर हम इतिहास बदलने आए हैं। इज़रायल, UAE और बहरीन अब एक दूसरे के यहां दूतावास बनाएंगे, राजदूत नियुक्त करेंगे और सहयोगी देशों के तौर पर काम करेंगे। अब ये लोग दोस्त हैं। ”
समझौते के बाद राष्ट्रपति ट्रंप को उम्मीद है कि अब अन्य अरब देश भी इस दिशा में आगे बढ़ेंगे। वहीं फिलिस्तीन ने इस समझौते पर कड़ी आपत्ति जताई है। फिलिस्तीन ने अरब देशों से ऐसे किसी भी समझौते का तब तक साथ नहीं देने के लिए कहा है, जबतक दोनों देशों के बीच सारे विवाद हल नहीं हो जाते। कुछ दिन पहले तुर्की ने भी इसी समझौते के लिए UAE को कोसा था और कहा था इतिहास कभी UAE को इस कदम के लिए माफ नहीं करेगा। इस नए गठजोड़ के बाद सऊदी अरब और पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ना तय है । दोनों देश अमेरिका से अपने सम्बंध बिगाड़ नहीं सकते और इस समझौते को स्वीकार नहीं कर सकते।