जानिए सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद भी किसानों ने क्यों कहा, ‘हम हिलेंगे नहीं’
जानिए सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद भी किसानों ने क्यों कहा, ‘हम हिलेंगे नहीं’
नई दिल्ली। जानिए सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद भी किसानों ने क्यों कहा, ‘हम हिलेंगे नहीं । जी हां दोस्तों, ये बड़ा सवाल है कि आखिर सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद भी किसानों ने क्यों कहा, कि ‘हम हिलेंगे नहीं’ और जबतक सरकार नए कृषि कानून वापस नहीं ले लेती, हम दिल्ली की सीमाओं से जाएंगे नहीं।
दरअसल , सुप्रीम कोर्ट में किसानों के कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई थीं, जिसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी है और एक समिति गठित कर दी है। मुख्य समस्या समिति को लेकर है। किसान संगठनों का मानना है कि समिति में वे लोग शामिल हैं जो शुरू से इस कानून के समर्थन में हैं । एक बार जब यह समिति रिपोर्ट दे देगी, तो कानून फिर लागू हो जाएगा।
दूसरी ओर, किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि हमारी मांग तो ये थी कि सरकार इन कानूनों को वापिस ले, हमारी ये मांग तो थी ही नहीं कि कानून पर रोक लगे। हमारे लिए हार या जीत का सवाल ही नहीं है। कानून वापसी हुए बगैर हम अपनी जगह नहीं छोड़ने वाले हैं।
वहीं सुप्रीम कोर्ट के सुप्रीम फैसले पर पंजाब किसान यूनियन ने कहा कि हम इस समिति को स्वीकार नहीं करते हैं।समिति के सभी सदस्य पहले से ही कानूनों का समर्थन करते आए हैं। समिति बनाकर सरकार बस मुद्दे से ध्यान भटकाना चाहती है।
वहीं कई किसानों ने शीर्ष अदालत के फैसले पर खुशी जताई औरकहा कि हमें खुशी है कि कोर्ट ने कानूनों को लागू किए जाने पर रोक लगाई है। लेकिन हम चाहते हैं कि सरकार इन कानूनों को वापिस ले। किसानों ने कहा कि जब तक कानून वापिस नहीं होते हैं हम यहां से हिलने वाले नहीं हैं।
किसानों ने बताया कि उनकी 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने की भी योजना है।
जानिए सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद भी किसानों ने क्यों कहा, ‘हम हिलेंगे नहीं