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घरेलू खिलौना उद्योग पर सरकार का जोर

भारत भर से लगभग 1.2 लाख प्रतिभागियों ने टॉयकैथॉन 2021 के लिए 17000 से अधिक विचारों को पंजीकृत और प्रस्तुत किया, जिनमें से 1567 विचारों को फाइनल के लिये चुना गया है।

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नई दिल्ली। मोदी सरकार घरेलू खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने को लेकर गंभीर है, और लगातार ऐसे कदम उठा रही है, जिससे न केवल घरेलू खिलौनो को देश विदेश में पहचान मिले साथ कारोबार और रोजगार के क्षेत्र में बढ़त दर्ज कर पूरी अर्थव्यवस्था को सहारा दें। इन्ही कदमों के तहत सरकार ने टॉयकैथॉन-2021 का आयोजन किया था। कल यानि 24 जून को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी टॉयकैथॉन-2021 के प्रतिभागियों से बात करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय के द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक ये बातचीत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगी। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री भी मौजूद रहेंगे।

शिक्षा मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, डीपीआईआईटी, कपड़ा मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय तथा एआईसीटीई ने संयुक्त रूप से 5 जनवरी 2021 को टॉयकैथॉन 2021 लॉन्च किया था, जिसका उद्देश्य खिलौनों और गेम्स के लिए नए विचारों को क्राउड-सोर्स द्वारा आमंत्रित करना था। भारत भर से लगभग 1.2 लाख प्रतिभागियों ने टॉयकैथॉन 2021 के लिए 17000 से अधिक विचारों को पंजीकृत और प्रस्तुत किया, जिनमें से 1567 विचारों को 22 जून से 24 जून तक आयोजित होने वाले तीन दिनों के ऑनलाइन टॉयकैथॉन ग्रैंड फिनाले के लिए चयनित किया गया है। कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण, इस ग्रैंड फिनाले में ऐसी टीमें होंगी, जो डिजिटल रूप में नये खिलौनों के विचार प्रस्तुत करेंगी, जबकि नॉन-डिजिटल टॉय कॉन्सेप्ट के लिए एक अलग कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। सरकार के मुताबिक टॉयकैथॉन-2021 का लक्ष्य भारत में खिलौना उद्योग को बढ़ावा देना है।

सरकार के मुताबिक फिलहाल भारत का खिलौना बाजार 150 करोड़ डॉलर का है, जिसमें अधिकांश हिस्सा आयातित खिलौनों का है। खास बात ये है कि आयातित खिलौने भारतीय परंपराओं, सभ्यता और मूल्यों को नहीं दर्शाते। इसी वजह से टॉयकैथॉन-2021 का विचार रखा गया है, जिससे भारतीय अपने मूल्यों और परंपराओं से जुड़े खिलौनों तैयार और सामने रख सकें। सरकार ने टॉयकैथॉन-2021 में ऐसे खिलौनों के विचार मांगे थे जो दिव्यांगों के लिये हों, शारीरिक और मानसिक विकास कर सकें। वैदिक गणित को बढ़ावा दे सकें, स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पर्यावरण सुरक्षा, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया जैसे अभियानों की मदद कर सकें। इसके साथ ही पारंपरिक खिलौनों के विचार भी मांगे गये थे।  News Source : Google

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