गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस बल की तैनाती, किसान नेता अपनी बात पर अड़े
गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस बल की तैनाती, किसान नेता अपनी बात पर अड़े। गाजीपुर बॉर्डर पर सेना की भारी तैनाती कर दी गई है। लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत ने आंदोलन खत्म करने से मना कर दिया है।
इस बीच लगातार बातचीत का दौर भी जारी है, हालांकि नेता किसान किसी भी हाल में वापस जाने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि पुलिस भले हीउन्हें उठाकर ले जाए या किसी तरह से ले जाए, वे अपनी मांगों को पूरा हुए बिना यहां से नहीं जाएंगे।
दूसरी ओर किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत मीडिया के समक्ष भावुक हो गए थे। उनका कहना था कि सरकार ने इस आंदोलन को खत्म करने के लिए साजिश रची है।
टिकट का कहना है कि’ मैं पहले आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार था, लेकिन यहां भारी फोर्स को देखते हुए यह कौन सुनिश्चित करेगा कि हमारी किसान की सुरक्षा होगी और वह सकुशल घर पहुंच पाएंगे। इसलिए अब मैं आंदोलन खत्म नहीं करूंगा और बिल वापसी तक यहीं रहूंगा।
वहीं सरकार इस आंदोलन पर फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। सरकार किसानों पर सीधे कार्रवाई करने के मूड में फिलहाल नहीं दिख रही।
दूसरी और गृह मंत्रालय ने लाल किले पर अपना झंडा फहराने की हरकत करने वाले कथित किसानों के खिलाफ एक्शन तेज कर दिया है। उनके खिलाफ मुकदमे किए जा रहे हैं। और उनकी तलाशी में विभिन्न जगहों पर छापे मारे जा रहे हैं।
वही अभी तुरंत सूचना मिली है कि राकेश टिकैत के समर्थन में जींद में किसानों ने सड़क जाम कर दिया है और कई जगह से किसान उन्हें समर्थन दे रहे हैं।
ग्राउंड ज़ीरो पर किसानों ने बताया कि सुबह तक बहुत सारे किसान दिल्ली आ जाएंगे और कल मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत है जिससे राकेश टिकैत के बड़े भाई ने बुलाया है जो कि भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष है। आज सरकार काफी सख्ती के मूड में नजर आ रही थी, लेकिन राकेश टिकैत के भावुक होने और कैमरे के सामने रोने के बाद चीजें काफी बदल गई। सरकार को नरम रुख अख्तियार करना पड़ा और दूसरी ओर कहा कि स्थित को।
आज की रात तो किसानों के लिए वैसे बहुत भारी है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार कुछ भी कड़ा कदम नहीं उठाएगी। कल किसानों की महापंचायत का जरूर इंतजार करेगी।
गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस बल की तैनाती, किसान नेता अपनी बात पर अड़े