क्या चीनी राखी में कोरोना है ?
नई दिल्ली। क्या चीन ने राखियों में कोरोना वायरस लगाकर भारत भेजा है? क्या चीन हमें कोरोना के ऐसे दलदल में धकेल देना चाहता है, जहां से हम कभी निकल ही नहीं पाए। ऐसे ही कुछ सवाल इस बार अफवाहों के बाजार को गर्म कर रहे हैं।
राखी भाई-बहन के बीच का वो पवित्र धागा है, जिसकी मज़बूती अटूट होती है। इस पावन पर्व की हमारे देश में काफी मान्यता है। राखी हर साल भाई – बहन के लिए हज़ारों खुशियां लेकर आता है। खुशियां तो इस बार भी उतनी ही हैं, लेकिन रौनक वैसी नहीं दिख रही है। क्या इसका कारण चीनी राखियां हैं या कुछ और।
आइये हम जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर क्यों अफवाहों का बाजार इतना गर्म है और हर वर्ष इस समय गुलज़ार रहने वाले बाजारों में रौनक कम क्यों है।
चीनी राखियों में कोरोना लगाकर भेजने की बात तो कोरी अफवाह लगती है। क्योंकि चीन में राखी बनने और फिर यहां पहुंचने उसके बाद बाजार में उतरने में अच्छा खासा वक़्त लगता है। ऐसे में अगर हम यह भी मान लें कि चीन ने हर राखी में कोरोना वायरस लगाने के लिए एक कोरोना संक्रमित आदमी को लगा रहा है, तो भी यह सम्भव नही है। क्योंकि अगर राखी को संक्रमित किया जाएगा तो पहले वहीं के अन्य आदमी संक्रमित हो जाएंगे। लेकिन कहीं न कहीं इस अफवाह ने लोगों को डराया है।
इसी से सम्बंधित सवाल गुड़गांव की एक गृहणी कमला से कुकडूकु ने पूछा, जिसपर उन्होंने कहा, ” मुझे इस बारे में ज्यादा नहीं मालूम, लेकिन मैंने भी ये सुना है। इसलिए मैंने इसबार राखी खरीदने के स्थान पर दिल्ली में रह रहे भाई को धागा बांधने का फैसला किया है।”
दूसरी थ्योरी यह है कि इस बार लोगों में चीन के प्रति नफरत भरी हुई है। चीन ने पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में हमारे 20 जवानों को शहीद कर दिया था। जिस वजह से चीन के खिलाफ एक मुहीम सी चल पड़ी है। सरकार ने भी चीनी एप्स को प्रतिबंधित कर दिया है। लोग इस वजह से दुकानदारों से स्वदेशी राखी की मांग कर रहे हैं जो कि चीनी राखी से थोड़ी महंगी है,और इसलिए कई लोग इसे खरीदने से बच रहे हैं।
वहीं दुकानदार भी इस बार भारतीय राखी खरीदने पर जोर दे रहे हैं। एक व्यापार संगठन का कहना है हर साल राखी का कुल कारोबार 6 हज़ार करोड़ का होता है, जिसमें से 4 हज़ार करोड़ की हिस्सेदारी चीन की होती है। राखी के अलावा चीन कच्चे माल जैसे फोम इत्यदि का भी निर्यात करता है। दुकानदारों ने भी चीन की नापाक हरकत की वजह से चीनी राखियों का बहिष्कार कर दिया है। इसलिए भी इस बार बाजार राखियों से पटे नहीं दिख रहे, कोरोना की पाबंदिया तो हालांकि पहले से है ही।
वहीं महत्वपूर्ण वजहों में से देश में संकटपूर्ण तरीके से बढ़ रहा कोरोना संकट भी है। देश मे कोरोना संक्रमितों कुल आंकड़ा 17 लाख के करीब पहुंचने वाला है। तमाम छूट मिलने और देश के अनलॉक-3 में पहुंचने के बाद भी लोग कोरोना की रफ्तार से डरे हुए हैं और बाजार से दूरी ही बनाये रखना चाहते हैं, इसलिए भी बाजार इस पवित्र पर्व के अवसर पर गुलज़ार नहीं है।