kukrukoo
A popular national news portal

कोविड से लगा परिवारों की बचत को झटका, कर्ज में दर्ज हुई बढ़त

नई दिल्ली। पिछले साल कोविड-19 महामारी से परिवार की बचत पर नकारात्मक असर पड़ा है। बुधवार को जारी रिजर्व बैंक के आंकड़े के अनुसार परिवारिक वित्तीय बचत 2020-21 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में घटकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 8.2 प्रतिशत पर आ गयी जो इससे पिछली तिमाही में 10.4 प्रतिशत थी। केंद्रीय बैंक ने एक विज्ञप्ति में कहा कि महामारी से प्रभावित जून तिमाही में बचत में वृद्धि दर्ज की गयी थी। लेकिन उसके बाद लगातार दो तिमाहियों में इसमें कमी आयी और वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में यह जीडीपी का 8.2 प्रतिशत रही।

क्यों आई बचत में गिरावट
रिजर्व बैंक के मुताबिक, ‘‘घरेलू वित्तीय संपत्ति के प्रवाह में भारी कमी के कारण बचत में नरमी आई है।” सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में परिवार की बैंक जमा घटकर पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 3 प्रतिशत पर आ गयी जो इससे पूर्व जुलाई-सितंबर तिमाही में 7.7 प्रतिशत थी।

कर्ज में आई बढ़त
आरबीआई ने यह भी कहा कि जीडीपी के अनुपात में परिवार का कर्ज मार्च 2019 के अंत से लगातार बढ़ा है। इसके अनुसार, ‘‘परिवार का कर्ज जीडीपी-अनुपात दिसंबर 2020 को समाप्त तिमाही में बढ़कर 37.9 प्रतिशत पहुंच गया जो सितंबर 2020 को समाप्त तिमाही में 37.1 प्रतिशत था।’’ बयान के अनुसार बैंकों तथा आवास वित्त कंपनियों से अधिक कर्ज के बावजूद परिवार की वित्तीय देनदारी तीसरी तिमाही में अपेक्षाकृत कम रही। इसका कारण गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से कर्ज में कमी थी।

क्या रहे आंकड़े
आंकड़े के अनुसार जमा, जीवन बीमा कोष, भविष्य निधि और पेंशन कोष, मुद्रा, म्यूचुअल फंड और शेयर में निवेश समेत वित्तीय संपत्तियां तथा लघु बचत पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 6,93,001.8 करोड़ रुपये रही जो इससे पूर्व दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर, 2020) में 7,46,821.4 करोड़ रुपये थी। वहीं वित्तीय देनदारी यानी कर्ज 2020-21 की तीसरी तिमाही में 2,48,418.7 करोड़ रुपये रहा जो इससे पूर्व तिमाही में यह 2,54,915.2 करोड़ रुपये था।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

You might also like