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कोरोना, चीन और बेरोजगारी : इन तीन मोर्चों पर लड़ता भारत

नई दिल्ली। तेजी से तरक्की की दिशा में कदम बढ़ा रहा भारत इनदिनों तीन मोर्चों -कोरोना, चीन और बेरोजगारी से लड़ रहा है। इनमें से पहले और तीसरे संकट से दुनिया के अधिकतर देश जूझ रहे हैं, लेकिन दूसरा संकट उस देश ने पैदा किया है, जहां कोरोना का जन्म हुआ है।

पहले बात करते हैं कोरोना की, जो रोज़ नए रिकॉर्ड बना रहा है। देश मे कोरोना की रफ्तार बेलगाम हो चुकी है और फिलहाल इसपर काबू होता नहीं दिख रहा है। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामलों में कमी आ रही थी, लेकिन अब फिर से प्रतिदिन आधार पर मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। दूसरी ओर बिहार जैसे राज्यों में भी यह महामारी अपना पांव पसार रही है। बीमारी अब शहरों से गांवों की तरफ मूव कर रहा है। गांवों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहले से जरूर अच्छी हुई है, लेकिन बड़ी संख्या में कोरोना मामलों को संभालने में सक्षम नहीं है।

हम अनलॉक 4.0 में प्रवेश कर चुके हैं और सरकार ने और ढील देना शुरू कर दिया है। 7 सितम्बर से मेट्रो का परिचालन भी शुरू होगा और ऐसे में महामारी के प्रसार को रोकना मुश्किल साबित हो सकता है। अभी कल ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जबतक कोरोना वैक्सीन बाजार में नही आ जाता, तबतक Social Distancing ही हमारा वैक्सीन है। ऐसे में एहतियात बरतने ही फिलहाल एक मात्र उपाय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने संबोधन में कहा कि कोरोनकाल में देश में स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी हुई है। इस बात में कोई शक नहीं है कि अब स्वास्थ्य सुविधाएं पहले से बेहतर हुई हैं, लेकिन कोरोना मामलों में तेजी काफी चिंताजनक है।

वहीं भारत चीन के साथ दूसरे मोर्चे पर लड़ रहा है। चीन अपने विस्तारवादी रवैये की वजह से पूर्वी लद्दाख में यथास्तिथि बदलना यानी भारत की जमीन हथियाना चाहता है। लेकिन इस बार चीन को हर मोर्चे पर भारत की तरफ से करारा जवाब मिल रहा है। भारतीय सेना चीन के सामने सीना ताने खड़ी है और उसके किसी भी दुस्साहस का कड़ाई से जवाब दे रही है। भारत चीन को आर्थिक मोर्चे पर भी पटकनी देने की कोशिश कर रहा है। पहले tiktok समेत 59 एप को बैन किया गया था और अब पबजी समेत 100 से अधिक एप को प्रतिबंधित कर दिया गया है। इनसब चीजों से तिलमिलाया चीन अब और नए तिकड़मों और धोखाधड़ी से हमे परास्त करने की कोशिश कर सकता है, लेकिन भारत इस बार पहले से ही तैयार है। यहां तक कि सैन्य प्रमुख भी कह चुके हैं कि सैन्य विकल्प खुले हुए हैं।

तीसरी सबसे बड़ी परेशानी बेरोजगारी को लेकर है। कोरोना ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ कर रख दी है, ऐसे में इसका सीधा असर रोज़गार पर पड़ा है। लॉकडाउन लागू होने के बाद से काफी संख्या में संगठित और असंगठित क्षेत्र में लोगों की नौकरियां चली गईं हैं, ऐसे में लाखों लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। सरकार ने हालांकि लोगों को काफी राहत देने की कोशिश की है, लेकिन रोजगार का विकल्प रोज़गार ही हो सकता है। इस दौरान हालांकि कई लोगों ने खुद के उपक्रम को खोलने पर जोर दिया है।

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