पिंक बॉल से पहला डे नाइट टेस्ट मैच शुरू, मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद
पिंक बॉल से पहला डे नाइट टेस्ट मैच शुरू, मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद
पिंक बॉल से पहला डे नाइट टेस्ट मैच शुरू, मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज की शुरुआत गुरुवार 17 दिसंबर से डे नाइट मैच से हो गई है। गुलाबी गेंद के साथ यह टेस्ट मैच एडिलेड ओवल में खेला जा रहा है। बता दूं, कि मयंक अग्रवाल और पृथ्वी शॉ की जोड़ी ने इस मैच की शुरुआत की। केएल राहुल को प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिल सकी। हालाकी शुभ्मन गिल दूसरे टेस्ट मैच में शानदार बल्लेबाजी की थी, लेकिन इस बार शुभ्मन गिल मैच से बाहर हो गए हैं। इसके अलावा ऋषभ पंत भी दूसरे टेस्ट मैच में पिंक बॉल से शानदार शतक जड़ा था, लेकिन इसके बावजूद रिद्धिमान साहा ही पहली पसंद बने।
भारत का विदेशी धरती पर यह पहला डे नाइट टेस्ट मैच होने वाला है। इससे पहले उन्होंने कोलकाता में बांग्लादेश के खिलाफ डे नाइट टेस्ट मैच खेला था। बता दूं, कि डे नाइट टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया सबसे अनुभवी टीम है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया गुलाबी गेम से खेलने के मामले में भी अनुभवी है, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने अब तक पिंक गेम से कुल 7 टेस्ट मैच खेल चुका है। जिनमें से चार मैच तो एडिट ओवल में ही खेला था।
आखिर क्या है पिंक बॉल का इतिहास
क्रिकेट की दुनिया में पहली बार गुलाबी गेंद यानी पिंक बॉल का इस्तेमाल साल 2009 में हुआ था। पहली बार ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की महिला टीम के बीच होने वाले वनडे मैच में पिंक बॉल का इस्तेमाल किया गया था। भारत में इस बॉल का इस्तेमाल सबसे पहले बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता में खेला गया था। क्रिकेट की दुनिया में सभी रंग के गेंदो का अलग महत्व होता है। जहां पिंक यानी गुलाबी रंग के गेंद का महत्व विजिबिलिटी से जुड़ा हुआ है। पिंक बॉल डे नाइट टेस्ट और फर्स्ट क्लास मैचों के लिए बनाई गई थी, ताकि रात के समय खिलाड़ियों को गेंद आसानी से दिखाई दे सके।
ताजा समाचार मिलने तक भारत ने 3 विकेट खोकर 140 रन बना लिये हैं।