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अब ‘Smart Wrist Band’ करेगा कोरोना मरीज और संक्रमितों की पहचान

नई दिल्ली। भारत में अब रोजाना कोरोना के 40 हजार से ज्यादा नए केस सामने आ रहे है। धीरे-धीरे मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटे में देश में 45,720 नए मामले सामने आए है। जबकि 1,129 लोगों की मौत हो गई है। कोरोना के खात्मे के लिए दुनियाभर में वैक्सीन पर भी काम चल रहा है। इस बीच दुनियाभर के सुपरलीडर का यही फोकस है कि कैसे भी करके इस वायरस के प्रसार को रोका जाए। इस दिशा में एम्स नागपुर ने आईआईटी जोधपुर और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के साथ मिलकर एक हैंड डिवाइस विकसित किया है। जिसके जरिए कोरोना पॉजिटव मरीजों और संदिग्धों का आसानी से पता लगाया जा सकेगा। एम्स नागपुर का यह ज्वाइंट इन्वेंशन पूरी तरह स्वदेशी है। जिससे कोविड-19 संक्रमितों और संदिग्धों की पल-पल की जानकारी रखने में मदद मिलेगी।

Smart wrist band

इस ट्रैकर को COVID-19 ‘Smart Wrist Band’ का नाम दिया गया है। जिसे हाथ की कलाई पर बांधा जाएगा। इसे हाथ पर बांधने से कोरोना पॉजिटिव मरीज या संदिग्ध की हर हरकत को ट्रैक किया जा सकेगा। इस COVID-19 ‘Smart Wrist Band’ को बनाने का आइडिया एम्स नागपुर के फिजियोलॉजी के सहायक प्रोफेसर डॉ. प्रथमेश कांबले का है।

प्रो. कांबले का कहना है कि ‘यह डिवाइस जियो फेसिंग तकनीक का इस्तेमाल करके मोबाइल फ्री ऑपरेशन प्रदान करता है, जो क्वारेंटाइन सेंटर में किसी भी उल्लंघन पर वास्तविक समय का अलर्ट प्रदान करेगा। वहीं एम्स नागपुर के निदेशक, मेजर जनरल (डॉ) विभा दत्ता का कहना है कि कोरोना के सभी संपर्कों को ट्रैक करना और उनकी निगरानी करना एक बहुत ही मुश्किल काम है। लेकिन इस नए अविष्कार से इस काम को कुछ हद तक आसान और प्रभावित बनाया जा सकता है।

दरअसल अभी तक वायरस को खत्म करने वाली कोई दवाई नहीं बनी है। ऐसे में तमाम देशों का जोर ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग और ट्रैसिंग पर है। जिससे जल्द से जल्द वायरस के प्रसार को और फैसले से रोका जा सके।

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