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अंतरिक्ष 2020 : कोरोना की मार के बाद भी जानिए यह क्षेत्र किन किन उपलब्धियों से भरा रहा

अंतरिक्ष 2020 : कोरोना की मार के बाद भी जानिए यह क्षेत्र किन किन उपलब्धियों से भरा रहा

नई दिल्ली। वर्ष 2020 कोरोनो महामारी के कारण दुनिया के लिये बहुत ही खराब साबित हुआ, लेकिन अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में यह साल खासा उपलब्धि भरा वर्ष रहा है।

अंतरिक्ष 2020 : कोरोना की

इस मामले में अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों ने अभूतपूर्व मुकाम हासिल किये हैं। तीन देशों के मंगल ग्रह के लिये अपने अभियान के प्रक्षेपण , अमेरिका की धरती से लगभग एक दशक बाद अंतरिक्ष यात्रियों का उड़ना और चंद्रमा ऒर एक
क्षुद्र ग्रह से मिट्टी के नमूने का धरती पर आना , ऐसी उपलब्धि रही जो वर्ष 2020 को ऐतिहासिक बना गई।

यह ऐसा साल रहा है जिसमें क़रीब एक दशक बाद ही अमेरिका की धरती से एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष मे गए। इसके अलावा भी यह उड़ान ऐतिहासिक थी क्योंकि यह पहली उड़ान थीं जिसमें निजी क्षेत्र की पूरी भूमिका थी। पहली बार ऐसा हुआ जब नासा जैसे सरकारी स्पेस एजेंसी ने उड़ान का ठेका किसी निजी क्षेत्र को सौंपा और उसके जरिये दो अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय स्पेस एजेंसी भेजा और उन्हें वापस भी लाया।

नासा का पर्सवियरेंस रोवर प्रक्षेपण इस साल की सबसे बड़ी उपलब्धि में से एक रहा। इस वर्ष नासा ने मंगल के लिये पर्सवियरेंस रोवर का सफल प्रक्षेपण किया जो अगले साल फरवरी में मंगल पर पहुंच जायेगा। इस रोवर को खास तरह के प्रयोगों के लिये तैयार किया गया है जो मंगल पर इंसान के रुकने के लिये किया जायेगा।

इसमें कार्बन डाइऑक्साइड से ऑक्सीजन का निर्माण का प्रयोग प्रमुख है। इसके अलावा नासा ने मंगल से मिट्टी के नमूने वापस लाने के लिये यूरोपीय स्पेस एजेंसी से भी करार किया है।

नासा का पर्सवियरेंस के पहले चीन ने अपना महत्वाकांक्षी तियानवेन – 1 मिशन 23 जुलाई 2020 को प्रक्षेपित कर दिया गया। यह अपने तरह का अनोखा और दुनिया का एकमात्र मिशन है जिसमें ऑर्बिटर, रोवर और लैंडर तीनों एक साथ भेजे गए हैं। अगर यह अभियान सफल होता है तो ऐसा करने वाला चीन पहला देश होगा।

इस वर्ष एक और बड़ी उपलब्धि संयुक्त अरब अमीरात के नाम रही , जिसने मंगल के लिये अपना अंतरिक्ष यान होपा को जापान के तनेगशिमा अंतरिक्ष केंद्र से एच 2 ए नामक रॉकेट से प्रक्षेपित किया। यह मंगल की कक्षा में स्थापित होकर मंगल की जलवायु और मौसम का अध्ययन करेगा।
चीन ने इस वर्ष अपने चांग ई 5 अभियान के जरिये चन्द्रमा से मिट्टी के नमूने लाने में सफलता हासिल की है। चीन ने यह नमूने चन्द्रमा के यह ओसिनस प्रोसेलारम क्षेत्र से हासिल किये हैं जो एक लावा का मैदान है।

जापानी अंतरिक्ष यान हायाबुसा -2 ने क्षुद्र ग्रह से मिट्टी के नमूने लाने में सफलता हासिल की। छह साल के इस अभियान में हायाबुसा ने दो बार नमूने जमा किये और उसने नमूनों का कैप्सूल पृथ्वी पर गिरा दिया जिसके बाद वह आगे के अभियान के लिये निकल गया , जबकि नमूने के कैप्सूल ऑस्ट्रेलिया के रेगिस्तान में गिरा ,जहाँ से उसे अध्ययन के लिये जापान ले जाया गया है।

दूसरी तरफ, इस वर्ष नासा के 9 अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन गए और उन्होंने कई उल्लेखनीय प्रयोग किये, इसमें कुल सात स्पेस वॉक के अलावा अंतरिक्ष में किसी महिला यात्री द्वारा की गई सबसे लंबी स्पेस वॉक भी इस साल की उपलब्धि रही। इसके अलावा नासा ने कई उल्लेखनीय शोध कार्यों में सफलता हासिल की जिसमें भविष्य के लिये अधिक क्षमता वाले स्पेस लॉन्च वेहीकल का परीक्षण भी शामिल है।

अंतरिक्ष 2020 : कोरोना की मार के बाद भी जानिए यह क्षेत्र किन किन उपलब्धियों से भरा रहा

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